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सूर्य ग्रहण के बाद मिथुन और धनु राशि वालों की बढ़ सकती है परेशानी अपनाएं यह आसान उपाय

By Astro panchang | Jun 25, 2020

21 जून के सुर्य ग्रहण के पश्चात मिथुन और धनु राशि के जातकों के करियर, व्यापार और पारिवारिक परेशानियां बढ़ सकती हैं। परेशानियां बढ़ने से पारिवारिक पारिवारिक कलह व्यापार में घाटा और करियर के निष्क्रिय हो जाता है।

सूर्य ग्रहण के पश्चात इसका सबसे ख़राब दुष्परिणाम मिथुन और धनु राशि पर पड़ा है। मिथुन और धनु राशि वाले लोगों को सचेत और सतर्क रहने के साथ साथ ज्योतिष द्वारा बताई गई विधि का भी पालन करना चाहिए। इन जातकों को सबसे अधिक सावधान और सर्तक रहने की आवश्यकता है। आइये आपको बताते हैं कुछ आसान उपाय, आप इन उपायों को अपनाकर सारी  दिक्कतों और परेशानियों से बच सकते हैं।

ज्योतिष शास्त्र में राहु-केतु को पाप का ग्रह माना गया है। राहु और केतु जब अशुभ होते हैं तो व्यक्ति के हर कार्य में बाधा उत्पन्न होने लगती है, जैसे धनहानि होता है, शत्रु सक्रिय हो जाता है, फ़ैसला लेने में परेशानीयां आने लगती है, विवाहित जीवन भी प्रभावित होने लगता है, यहां तक कि आपके  करियर, व्यापार और पारिवार में बड़ी-बड़ी समस्याएं उत्पन्न होने लगती हैं। इसलिए इन सभी पाप और अशुभ ग्रहों को दूर करना बहुत आवश्यक होता है।

ज्योतिष शास्त्र और पौराणिक कथाओं के अनुसार ग्रहण के पीछे राहु-केतु की बहुत आवश्यक भूमिका होती है। क्योंकि राहु-केतु की सूर्य और चंद्रमा से बड़ी शत्रुता है, समस्या समुद्र मंथन से जुड़ी हुई है। 5 जून के बाद से राहु- केतु की स्थिति बड़ी मजबूत दिखाई दे रही है। क्योंकि 5 जून को साल का दूसरा ग्रहण (चंद्र ग्रहण के रूप में दिखाई दिया) था। इस महीने में दो ग्रहण लग चुके हैं और एक महीने में दो ग्रहण बहुत ही अशुभ माना जाते हैं।

21 जून को सूर्य ग्रहण मिथुन राशि में लगा था। वहीं आगामी 5 जुलाई को एक बार फिर चंद्र ग्रहण की स्थिति बन रही है। ये ग्रहण धनु राशि में लगने जा रहा है।

राहु मिथुन राशि में
इस समय राहु मिथुन राशि में है, इसलिए मिथुन राशि वालों के लिए यह समय बहुत कष्टकारी है। मिथुन राशि में यह राहु 30 सितंबर 2020 तक रहेंगी। इसके बाद राहु वृषभ राशि में आ जाएगा।

केतु धनु राशि में
केतु इस समय धनु राशि में प्रवेश किया है और केतु धनु राशि में 30 सितंबर तक रहेगा। धनु राशि के जातकों को केतु धनहानि, कलह और तनाव की स्थिति बना सकता है।

कुछ उपाय जो राहु की अशुभता और दोष को दूर कर सकते हैं
राहु ग्रह की अशुभता को शांत करने के लिए राहु का बीज मंत्र बहुत प्रभावकारी माना गया है। दोष और अशुभता को दूर करने के लिए इस मंत्र 
ॐ भ्रां भ्रीं भ्रौं स: राहवे नम: का जाप करें। इसके अलावा घर में राहु यंत्र की स्थापना करें। ऐसा करने से आपके जीवन में आने वाला बाधाओं से आपको निजात मिलेगा। हर शनिवार को व्रत रखें और किसी भी कमजोर को परेशान ना करें।

उपाय जो केतु की अशुभता और दोष को दूर कर सकते हैं
केतु की समस्या दुर करने के लिए तिल और भूरे रंग की वस्तुओं का दान करें।
केतु का बीज मंत्र का ध्यान करें- ॐ स्त्रां स्त्रीं स्त्रौं स: केतवे नम:
ये मंत्र कई तरह की दिक्कतों को दूर करता है और मानसिक शांति प्रदान करता है।
केतु के समस्या से निवारण के लिए कंबल का दान करें, मंगलवार और शनिवार का व्रत रखें।
कुत्ते को भोजन खिलाएं साथ ही रोटी खिलाते वक्त अपनी तीन अंगुलियों से सरसों के तेल से निशान बनाएं फिर रोटी को मोड़ कर कुत्ते को खिलाएं।
किसी की भी बुराई न करें और बुरे लोगों से भी कोसो दूर रहें।

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