आजकल के समय में बच्चों को अपने शास्त्रों के बारे में ज्यादा ज्ञान नहीं होता है। इसी कारण कई बार बच्चों में संस्कारों की कमी भी देखी जाती है। ऐसे में खासतौर पर वर्तमान समय में अगर बच्चों को अपने शास्त्र और संस्कृति के बारे में अच्छी जानकारी होनी चाहिए।
आपको बता दें पुराणों में कुछ ऐसे मंत्र व श्लोकों के बारे में बताया गया है, जिनके बारे में बच्चों का जानना बेहद जरूरी होता है। इन मंत्रों व श्लोकों के बारे में बच्चों को जरूर पता होना चाहिए। जिससे कि मुश्किल व विपरीत परिस्थिति से बच्चे लड़ सकें और हमेशा सकारात्मक बने रह सकें।
प्रात: मंत्र
कराग्रे वसते लक्ष्मी: करमध्ये सरस्वती।
करमूले तु गोविंद: प्रभाते करदर्शनम।।
पृथ्वी क्षमा प्रार्थना
समुद्रवसने देवि पर्वतस्तनमंडिते।
विष्णु पत्नि नमस्तुभ्यं पाद स्पर्शं क्षमस्व मे।।
त्रिदेव और नवग्रह स्मरण
ब्रह्मा मुरारी त्रिपुरान्तकारी भानु: शशि भूमिसुतो बुधश्च।
गुरुश्च शुक्र: शनि राहु केतव: कुर्वन्तु सर्वे मम सुप्रभातम।।
आलस्य भगाने का मंत्र
आलस्यं हि मनुष्याणां शरीरस्शो महारिपुः।
नास्त्युद्यमसमो बन्धुः कुर्वाणो नावसीदति ॥
विद्या के लिए मंत्र
विद्यां ददाति विनयं विनयाद् याति पात्रताम्।
पात्रत्वात् धनमाप्नोति धनात् धर्मं ततः सुखम् ॥
श्री गणेश जी मंत्र
वक्रतुंड महाकाय, सूर्य कोटि समप्रभ।
निर्विघ्नम कुरू मे देव, सर्वकार्येषु सर्वदा !!
गायत्री मंत्र
ॐ भूर्भुवः स्वः तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात्।।
इन मंत्रों का रोजाना जाप करने से आपका बच्चा एनर्जेटिक और पॉजिटिव फील करेगा। साथ ही मंत्र और श्लोक के उच्चारण से वह अपनी संस्कृति को अच्छे से समझ पाएगा। ऐसे में हर माता-पिता को अपने बच्चों को अपनी संस्कृति और मंत्रों के बारे में जरूर बताना व सिखाना चाहिए।