धार्मिक शास्त्रों में भगवान को भोग लगाने से संबंधित कई नियम बताए गए हैं। मान्यता के अनुसार, इन नियमों का पालन करना बेहद जरूरी होता है। क्योंकि जो भी जातक इन नियमों का पालन नहीं करता है, उनकी पूजा में दोष लगता है और भगवान भोग भी नहीं पाते हैं। ठीक ऐसा ही एक नियम भगवान को भोग लगाने से जुड़ा है।
भगवान को भोग लगाने के समय पर्दा किया जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि ऐसा क्यों किया जाता है। तो आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपको बताने जा रहे हैं कि भगवान को भोग लगाते समय पर्दा क्यों करना चाहिए और इसके पीछे का क्या महत्व है।
जानिए पर्दा लगाना क्यों है जरूरी
धार्मिक शास्त्रों में इस बात का वर्णन मिलता है कि जब भगवान भोग पाते हैं, तो उस दौरान वह अकेले नहीं होते हैं। बल्कि उनके साथ अन्य देवी-देवता भी उस स्थान पर मौजूद रहकर भोग पाते हैं।
घर में हनुमान जी, लड्डू गोपाल, शिव शंकर हो या देवी दुर्गा हो। ऐसे में जब भी आप किसी देवी-देवता को भोग अर्पित करते हैं, तो उस समय घर में अन्य देवी-देवता भी आ जाते हैं।
धार्मिक शास्त्रों के अनुसार, एक समय ऐसा भी होता है जब घर के मंदिर में सभी देवी-देवताओं की दिव्य ऊर्जा वास करती है और फिर उसी में हमेशा के लिए स्थापित हो जाती है।
यदि भगवान को भोग लगाने के समय पर्दा न लगाया जाए, तो इससे घर में देवी-देवताओं का आगमन नहीं होता है। साथ ही भगवान घर पर भोग भी नहीं पाते हैं। इसी वजह से भोग के समय पर्दा लगाना जरूरी है।
शास्त्रों में इस का भी उल्लेख मिलता है कि जिस तरह व्यक्ति खाना खाते समय घर का दरवाजा बंद कर लेते हैं, जिससे कि बाहरी व्यक्ति की नजर हमारे खाने पर न पड़े। इसी तरह भगवान को भी भोग लगाने के दौरान पर्दा लगाना जरूरी होता है। जिससे कि भगवान को भोग को नजर न लगे।