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शरद पूर्णिमा को करें ये उपाय, प्रसन्न होंगी माँ लक्ष्मी और भर देंगी आपकी झोली

By Astro panchang | Oct 27, 2020

हिन्दू धर्म में शरद पूर्णिमा का विशेष महत्व है।  हिंदू पंचांग के अनुसार आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को शरद पूर्णिमा मनाई जाती है। इस बार शरद पूर्णिमा 30 अक्टूबर को 5 बजकर 47 मिनट से शुरू होकर 31 अक्टूबर को 8 बजकर 21 मिनट पर समाप्त होगी। माना जाता है कि शरद पूर्णिमा के दिन चाँद 16 कलाओं से परिपूर्ण होकर रातभर अमृत बरसाता है इसलिए शरद पूर्णिमा को रात में खीर बनाकर रातभर चाँदनी में रखने का रिवाज है। मान्यताओं के अनुसार इस दिन धन की देवी माँ लक्ष्मी का धरती पर आगमन होता है।  ऐसा माना जाता है कि इस दिन माँ लक्ष्मी घर-घर जाती हैं और भक्तों को धन-वैभव का वरदान देती हैं।  शरद पूर्णिमा के दिन माँ लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए कुछ विशेष उपाय किए जाते हैं।  ऐसा करने से माँ लक्ष्मी प्रसन्न की विशेष कृपा प्राप्त होती है  - 

ऐसा माना जाता है कि शरद पूर्णिमा के दिन चाँद 16 कलाओं से परिपूर्ण होकर रातभर अमृत बरसाता है इसलिए शरद पूर्णिमा को रात में खीर बनाकर रातभर चाँदनी में रखने का रिवाज है। मान्यता के अनुसार शरद पूर्णिमा की रात चंद्रमा के प्रकाश में औषधीय गुण मौजूद रहते हैं जिनमें कई असाध्‍य रोगों को दूर करने की शक्ति होती है। शरद पूर्णिमा की रात प्रभु भजन करने से सुख-समृद्धि, आर्थिक संपन्नता, और धन लाभ की प्राप्ति होती है।  

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार शरद पूर्णिमा के दिन माँ लक्ष्मी का जन्म हुआ था।  इस दिन रातभर जागरण करने के बाद सोने से पहले भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी का नाम अवश्य लेना चाहिए।  शरद पूर्णिमा की रात को जागरण किया जाता है इसलिए इसे कोजागरी पूर्णिमा भी कहा जाता है। शरद पूर्णिमा की रात को खुले आसमान के नीचे खीर को रातभर चाँदनी में रखने के बाद प्रसाद में जरूर ग्रहण करना चाहिए।
 

इसे भी पढ़ें: शरद पूर्णिमा 2020 में कब है और उस दिन अमृत बरसने का क्या मतलब है?


शरद पूर्णिमा के दिन विशेष रूप से माँ लक्ष्मी का पूजन किया जाता है।  धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन लक्ष्मी पूजन करने से सभी कर्जों से मुक्ति मिलती हैं इसीलिए इसे कर्जमुक्ति पूर्णिमा भी कहते हैं। शरद पूर्णिमा की रात्रि को श्रीसूक्त का पाठ,कनकधारा स्तोत्र ,विष्णु सहस्त्र नाम का जाप और भगवान कृष्ण का मधुराष्टकं का पाठ करने से विशेष लाभ होता है।   

शरद पूर्णिमा को माता लक्ष्मी के स्वागत करने के लिए सुबह स्नान करके साफ वस्त्र धारण करने के बाद माँ लक्ष्मी का पूजन करें।  पूजा में तुलसी को भोग, दीपक और जल अवश्य चढ़ाएं, ऐसा करने से माँ लक्ष्मी प्रसन्न होती है और आशीर्वाद देती हैं।  इसके अलावा शरद पूर्णिमा पर माता लक्ष्मी के मंत्र का जाप करने से माता की विशेष कृपा प्राप्त होती है।  

माँ लक्ष्मी को सुपारी अतिप्रिय होती है इसलिए शरद पूर्णिमा पर सुबह माँ लक्ष्मी के पूजन में सुपारी अवश्य रखें। पूजा के बाद सुपारी पर लाल धागा लपेट कर उसका अक्षत, कुमकुम, पुष्प आदि से पूजन करके तिजोरी में रखें। ऐसा करने से धनलाभ होता है और कभी धन की कमी नहीं होती है।  

शरद पूर्णिमा की रात जब चन्द्रमा अपनी 16 कलाओं से परिपूर्ण होता है, उस समय माँ लक्ष्मी का पूजन करने से धन लाभ होता है। शरद पूर्णिमा की रात में हनुमानजी के सामने चौमुखा दीपक जलाने से बजरंगबली की विशेष कृपा प्राप्त होती है।
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