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नरक चतुर्दशी 2021 के दिन कर लें ये सरल उपाय, जीवन में नहीं होगी पैसों की कमी

By Astro panchang | Oct 29, 2021

हिंदू धर्म में छोटी दिवाली को नरक चतुर्दशी या नरक चौदस के रूप में मनाया जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार कार्तिक कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को नरक चतुर्दशी के रूप में मनाया जाता है। इस बार यह पर्व 03 नवंबर 2021 (बुधवार) को मनाया जाएगा। धार्मिक कथाओं के अनुसार इस दिन भगवान श्री कृष्ण ने नरकासुर नाम के असुर का वध किया था। एक अन्य धार्मिक मान्यता के अनुसार माना जाता है कि इस समय पितृपक्ष में धरती लोक पर आए पितृगण वापस परलोक लौट रहे होते हैं। माना जाता है कि नरक चतुर्दशी के दिन सुबह स्नान करके यमराज की पूजा और संध्या के समय दीप दान करने से नर्क की यातनाओं से मुक्ति मिलती है और अकाल मृत्यु का भय नहीं रहता है। ऐसे में दक्षिण दिशा में दीपक जलाने से पितरों का मार्ग रौशन होता है और पितृगण भी प्रसन्‍न होकर सुख-समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं। आज के इस लेख में हम आपको बताएंगे कि नरक चतुर्दशी के दिन कौन से काम करना शुभ माना जाता है -

शास्त्रों के अनुसार स्वच्छ और पवित्र जगहों पर ही माँ लक्ष्मी का वास होता है इसलिए नरक चतुर्दशी के दिन घर की साफ-सफाई करनी चाहिए। वहीं, घर में पड़े टूटे-फूटे और पुराने सामान को नरक का प्रतीक माना जाता है इसलिए इस दिन घर पर पड़ा कबाड़ और टूटे-फूटे बर्तन आदि चीज़ों को घर से बाहर निकाल देना चाहिए।  

इस दिन नहाने के बाद साफ वस्त्र धारण करके और माथे पर तिलक लगाकर दक्षिण दिशा की ओर मुँह करके पूजा करनी चाहिए। नरक चतुर्दशी के दिन भगवान कृष्ण और हनुमान जी की पूजा करने से विशेष फल प्राप्त होता है। मान्यताओं के अनुसार इस दिन भगवन कृष्ण ने नरकासुर राक्षस का वध किया था इसलिए इस दिन भगवन श्रीकृष्ण की पूजा का विशेष महत्व है। यह भी माना जाता है कि नरक चतुर्दशी के दिन रामभक्त हनुमान का जन्म हुआ था इसलिए इस दिन विशेष रूप से हनुमान जी की पूजा करनी चाहिए।   

नरक चौदस के दिन तिल के तेल में 14 दीपक जलाने की परंपरा है। इस दिन सुबह सूर्योदय से पहले स्‍नान करने के बाद घर के बाहर नाली के पास तिल के तेल का दिया जलाना चाहिए। नरक चतुर्दशी को शाम को दक्षिण दिशा की तरफ मुख करके चौमुखा दीपक जलाना चाहिए।  

नरक चतुर्दशी के दिन सुबह सूर्योदय से पहले उठकर तिल के तेल से शरीर की मालिश करनी चाहिए। माना जाता है कि ऐसा करने से सौंदर्य बढ़ता है।  

इस दिन यमराज को प्रसन्न करने के लिए भी पूजा की जाती है। नरक चतुर्दशी के दिन एक पात्र में तिल वाला जल भरें और दक्षिण दिशा की तरफ मुँह करके यमराज का तर्पण करें।
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