आज यानि की 30 मार्च को रामनवमी का पर्व मनाया जा रहा है। भगवान राम के जन्मोत्सव के रूप में रामनवमी का पर्व मनाया जाता है। यह पर्व हर वर्ष काफी धूमधाम से मनाया जाता है। लेकिन इस बार रामनवमी बेहद खास है। क्योंकि इस बार रामनवमी के दिन कई दुर्लभ संयोग बन रहे हैं। आज चंद्रमा कर्क राशि में होंगे। पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक जब भगवान राम का जन्म हुआ था, तब भी चंद्रमा अपनी स्वराशि में थे। रामनवमी पर कई शुभ योग भी बन रहे हैं। बता दें कि आज धन योग, गुरु पुष्य योग, शश योग, सर्वसिद्धि योग, अम- सिद्धि योग आदि बनेंगे। इसके अलवा इस दिन कुंभ राशि में शनि 30 साल बाद हो रहे हैं। रामनवमी के दिन की गई पूजा-अर्चना का विशेष फल प्राप्त होगा। आइए जानते हैं रामनवमी का शुभ मुहूर्त और पूजा विधि के बारे में।
भगवान का करें जाप
रामनवमी के खास मौके पर भगवान राम से जुड़े मंत्र और स्तोत्र का पाठ करना चाहिए। इसके अलावा रामायण, हनुमान चालीसा और राम रक्षा स्तोत्र का भी पाठ कर सकते हैं। ऐसा करने से आप स्वयों को भगवान राम ने नजदीक होने का एहसास कर पाएंगे। साथ ही उनकी कृपा और आशीर्वाद भी प्राप्त होगा।
ऐसे करें पूजा
इस दिन सुबह जल्दी स्नान आदि कर भगवान श्री राम का स्मरण करें। सूर्य देव को जल चढ़ाकर उपवास का संकल्प करें। इसके बाद भगवान राम की पूजा के दौरान उन्हें, रोली, अक्षत, पुष्प और भोग आदि अर्पित करें। फिर दीपक और कपूर आदि से उनकी आरती कर प्रसाद वितरित करें। रामनवमी को रखे गए उपवास में आप फलाहार का सेवन कर सकते हैं।
प्रसाद
भगवान राम की कृपा और आशीर्वाद पाने के लिए रामनवमी के मौके पर विशेष प्रसाद भी बनाकर वितरित कर सकते हैं। इस प्रसाद में फल, मिठाई और अन्य व्यंजन शामिल कर सकते हैं। इस प्रसाद को ज्यादा से ज्यादा लोगों को बांटे।
गरीबों को करें दान
कहा जाता है कि किसी भी व्रत या त्योहार में गरीबों या जरूरतमंतों को दान करने से पुण्य मिलता है। ऐसे में आप भी आज के दिन गरीबों और जरूरतमंदों को दान कर सकते हैं। इससे भगवान राम की कृपा आप पर होगी और जरूरतमंद भी आपको दुआएं देगा। इस दिन आप फल, मिठाई या फिर पैसे आदि दान कर सकते हैं।
शुभ मुहूर्त
आज यानि की गुरुवार हो रामनवमी मध्याह्न मुहूर्त सुबह 11 बजकर 11 मिनट से शुरू होकर दोपहर 01 बजकर 40 मिनट तक रहेगा। यह मुहूर्त शुभ है। इसके अलावा सुबह में चौघड़िया मुहूर्त के मुताबिक, सुबह 06:13 मिनट से लेकर 07:46 मिनट तक का मुहूर्त भी पूजा के लिए शुभ रहेगा।