बसंत पंचमी का त्योहार ज्ञान, विद्या और बुद्धि की देवी मां सरस्वती को समर्पित होता है। इस दिन मां सरस्वती की विधि-विधान से पूजा-अर्चना की जाती है। बसंत पंचमी के दिन यदि भक्त सच्चे मन से मां सरस्वती के मंत्रों का जाप करते हैं, तो उन्हें बुद्धि, विद्या और संगीत में सफलता मिलती है। साथ ही जातक को मां सरस्वती की कृपा और आशीर्वाद प्राप्त होता है। ऐसे में आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपको कुछ ऐसे मंत्रों के बारे में बताने जा रहे हैं। जिनका बसंत पंचमी पर जाप करने से मां सरस्वती प्रसन्न होती हैं।
सरस्वती वंदना मंत्र
या कुन्देन्दुतुषारहारधवला या शुभ्रवस्त्रावृता या वीणावरदण्डमण्डितकरा या श्वेतपद्मासना
या ब्रह्माच्युतशंकरप्रभृतिभिर्देवैः सदा वन्दिता सा मां पातु सरस्वती भगवती निःशेषजाड्यापहा
सरस्वति नमस्तुभ्यं वरदे कामरूपिणि. विद्यारम्भं करिष्यामि सिद्धिर्भवतु मे सदा।
ॐ ऐं सरस्वत्यै नमः
ॐ वद-वद वाग्वादिनी स्वाहा
ॐ ह्रीं ऐं ह्रीं सरस्वत्यै नमः
या देवी सर्वभूतेषु विद्या रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः
ॐ वागदैव्यै च विद्महे कामराजाय धीमहि। तन्नो देवी प्रचोदयात्
ॐ ऐं ह्रीं क्लीं सरस्वत्यै नमः
मंत्र जाप के लाभ
धार्मिक मान्यता के अनुसार, मां सरस्वती के इन मंत्रों का जाप करने से जातक को बुद्धि, ज्ञान, विद्या और कला में सफलता प्राप्त होती है। इन मंत्रों का जाप करने से जातक के जीवन से निगेटिव एनर्जी दूर होती है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। इन मंत्रों का जाप करने से व्यक्ति की स्मरण शक्ति और एकाग्रता में भी वृद्धि होती है।