सनातन धर्म में मंत्रोच्चार का अधिक महत्व माना जाता है। हिंदू धर्म और सनातन परंपरा में जितने भी मंत्र है, उन सभी का अपना माहत्व है। साथ ही इन मंत्रों के जाप से कई लाभ भी मिलते हैं। ऐसे में अगर आप भी भगवान शिव की कृपा व आशीर्वाद प्राप्त करना चाहते हैं, तो यह आर्टिकल आपके लिए है। आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपको बताने जा रहे हैं कि 'ॐ नमः शिवाय' मंत्र का जाप करने से क्या लाभ मिलता है और इस मंत्र जाप का क्या महत्व होता है।
'ऊँ नम: शिवाय' मंत्र जाप का महत्व
भगवान भोलेनाथ के 'ऊँ नम: शिवाय' मंत्र को पंचाक्षर भी कहा जाता है। धार्मिक शास्त्रों के मुताबिक भगवान शिव के इस मंत्र में पंच तत्व समाहित हैं। इस मंत्र के प्रथम अक्षर यानी की 'ऊँ' से सूर्य का निर्माण हुआ है। वहीं ऊँ अक्षर भगवान शिव को अत्यंत प्रिय है।
ऐसे में जब आप ऊँ कहते हैं, तो इससे महादेव के साथ ही सूर्य की भी आराधना हो जाती है। वहीं नम: शिवाय का अर्थ है कि भगवान भोलेनाथ के चरणों में नमन कर खुद का समर्पण दिखाना। इसलिए हमें रोजाना 'ऊँ नम: शिवाय' मंत्र का जाप करना चाहिए।
पंचाक्षर मंत्र जपने के लाभ
भगवान शिव के इस मंत्र जाप से व्यक्ति में तेज पैदा होता है। जातक का व्यवहार और उसका व्यक्तित्व उसे तेजस्वी और आकर्षक बनाता है। ऐसे में जो भी व्यक्ति 'ऊँ नम: शिवाय' मंत्र का रोजाना जाप करता है, उसके जीवन के सभी संकट दूर हो जाते हैं।
बताया जाता है कि 'ॐ नमः शिवाय' मंत्र का रोजाना जाप करने से व्यक्ति पर भगवान शिव की कृपा बनी रहती है। व्यक्ति को भोलेनाथ का सानिध्य और आशीर्वाद प्राप्त होता है। भगवान भोलेनाथ खुद उस व्यक्ति की हर नकारात्मक चीज से रक्षा करते हैं और व्यक्ति के जीवन में सुख-समृद्धि और खुशियों का आगमन होता है।
रोजाना 'ऊँ नम: शिवाय' मंत्र जाप करने से महादेव की कृपा के साथ ही सूर्यदेव की कृपा भी प्राप्त होती है। बता दें कि सूर्य देव नव ग्रह के राजा माने जाते हैं। ऐसे में सूर्य देव के शांत होने से अन्य सभी ग्रह भी शांत हो जाते हैं।