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Aditya Hridaya Stotra: रोजाना आदित्य हृदय स्त्रोत का पाठ करने से हर क्षेत्र में मिलती है कामयाबी, सूर्य देव की बरसेगी कृपा

By Astro panchang | Mar 13, 2024

धार्मिक मान्यता के मुताबिक देवी अदिति और महर्षि कश्यप के पुत्र सूर्य देव का जन्म हुआ था। सूर्यदेव की उपासना करने के लिए रविवार और सप्तमी का दिन उत्तम माना गया है। भविष्य पुराण के अनुसार, जो व्यक्ति सूर्यदेव की उपासना करते हैं, उनको ऐश्वर्य, आरोग्य, धन व संतान की प्राप्ति होती है। ज्योतिष शास्त्र में सूर्य को नवग्रहों का राजा माना जाता है और सूर्यदेव को सबसे विशिष्ट स्थान प्राप्त है। सूर्य को पिता, पुत्र, यश, तेज, आरोग्यता, प्रसिद्धि, आत्मविश्वास और इच्छाशक्ति का कारक माना गया है।

सूर्य देव की आराधना से जातक को सूर्य के समान तेज और यश की प्राप्त होती है। कुंडली में सूर्य को मजबूत करने के लिए जातक को आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करना चाहिए। इस स्त्रोत का पाठ रविवार के दिन से शुरू करना चाहिए। फिर रोजाना सुबह इस स्त्रोत का पाठ करने से व्यक्ति को जल्द ही सकारात्मक परिणाम देखने को मिलते हैं। वहीं सूर्य देव की कृपा से जातक को सभी तरह के कष्टों से छुटकारा मिल जाता है।

श्रीराम ने किया था स्त्रोत का पाठ
भगवान सूर्य देव को प्रसन्न व उनकी अनुकम्पा पाने के लिए आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ किया जाता है। रामायण में वाल्मीकि जी द्वारा इस पाठ का उल्लेख किया गया है। लंका पर विजय प्राप्त करने के लिए ऋषि अगस्त्य ने भगवान श्री राम को इस स्तोत्र को दिया था। वहीं ज्योतिष में भी आदित्य हृदय स्त्रोत का विशेष महत्व माना जाता है। इस स्त्रोत का नियमित रूप से पाठ करने से व्यक्ति की कुंडली में सूर्य समेत अन्य सभी ग्रहों की स्थिति मजबूत होती है और जातक के जीवन में सुख-समृद्धि आती है।

कैसे करें इसका पाठ
सुबह सूर्योदय से पहले उठकर स्नान आदि कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें। फिर तांबे के लोट में जल लेकर उसमें रोली या लाल चंदन डालें और लाल पुष्प डालकर उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देना चाहिए। सूर्य को अर्घ्य देने के दौरान सूर्य मंत्र का जाप करें और सूर्य देवता के सामने खड़े होकर आदित्य हृदय स्त्रोत का पाठ करें। फिर पाठ पूरा होने पर सूर्यदेव का ध्यान करते हुए उन्हें प्रणाम करें। साथ ही समस्या के निवारण के लिए प्रार्थना करें। यदि आप रोजाना आदित्य हृदय स्त्रोत का पाठ नहीं कर सकते हैं, तो हर रविवार को इस पाठ का जाप करना चाहिए।

पाठ करने का नियम
सूर्य देव की पूजा के दौरान काले या नीले रंग के कपड़े नहीं पहनना चाहिए। क्योंकि इससे पूजा का पूरा फल नहीं मिलता है। वहीं आदित्य हृदय स्त्रोत का पाठ करते हैं, तो उनको रविवार के दिन मदिरा, मांस व तेल आदि का इस्तेमाल न करें। वहीं संभव हो तो रविवार के दिन नमक का सेवन भी न करें। पूरा लाभ पाने के लिए मंत्रों का सही उच्चारण करना चाहिए।

पाठ करने के लाभ
आपको बता दें कि इस स्त्रोत का रोजाना पाठ करने से जातक को अप्रत्याशित लाभ मिलता है। व्यक्ति को अच्छी नौकरी, धन और घर में सुख-समृद्धि मिलती है। आदित्य हृदय स्त्रोत का रोजाना पाठ करने से व्यक्ति को हर तरह के दुख से छुटकारा मिलता है। साथ ही आत्मविश्वास में वृद्धि होती है और कार्यक्षेत्र में तरक्की मिलती है। आदित्य हृदय स्त्रोत का पाठ करने से मन का भय दूर होने के साथ ही नकारात्मक विचारों से मुक्ति मिलती है। वहीं मुकदमा आदि में जीत पाने के लिए भी इस स्त्रोत का पाठ करना चाहिए।
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