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Puja Path Niyam: पूजा के समय भगवान को फूल अर्पित करने के पीछे की मान्यता, पाप का होता है नाश

By Astro panchang | Aug 15, 2023

हिंदू धर्म में देवी-देवताओं की पूजा के तमाम नियम बताए गए हैं। शास्त्रों में हर देवी-देवता के प्रिय फूलों का उल्लेख भी मिलता है। मान्यता के अनुसार, देवी-देवताओं को उनके प्रिय फूल चढ़ाने से वह जल्दी प्रसन्न हो जाते हैं। वहीं पूजा के दौरान देवी-देवताओं को फूल मुख्य रूप से चढ़ाए जाते हैं। ऐसे में हम सभी पूजा के दौरान देवी-देवता को फूल अर्पित करते हैं। लेकिन आज इस आर्टिकल के जरिए हम बताने जा रहे हैं कि पूजा के समय भगवान को फूल अर्पित किए जाने का क्या महत्व होता है।

फूलों का महत्व
हिंदू मान्यता के मुताबिक देवी-देवताओं के चरणों में फूल अर्पित करने से जातक के पुण्य फल में वृद्धि होती है। व्यक्ति के पापों का नाश होने के साथ ही उत्तम फलों की प्राप्ति होती है। मान्यता के अनुसार, अगस्त्य के फूल, बेलपत्र और तुलसी कभी बासी नहीं होती है।

जानें फूल चढ़ाने का सही तरीका
अगर आप भगवान का श्रृंगार कर रहे हैं तो फूलों को भगवान के मस्तक पर सजाना चाहिए। वहीं पूजा के दौरान फूल भगवान के चरणों में रखना चाहिए। भगवान को फूलों से बनी माला अर्पित करने से दरिद्रता दूर होती है। इससे व्यक्ति को अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है। फूल चढ़ाते समय इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए कि कोई भी फल या फूल भगवान पर दोबारा यानि की उलट कर वही नहीं चढ़ाना चाहिए। हालांकि भगवान भोलेनाथ पर बेलपत्र उलटकर चढ़ाया जा सकता है।

किस देवी-देवता को चढ़ाएं कौन सा फूल
भगवान श्री गणेश की पूजा के दौरान आप उन्हें कोई भी फूल अर्पित कर सकते हैं। बस इस बात का ध्यान रखें कि भगवान श्री गणेश को तुलसीदल नहीं चढ़ाना चाहिए। वहीं भगवान भोलेनाथ की पूजा के समय कनेर, कुसुम, आक, कुश के फूल, सूखे कमल गट्टे, धतूरे, हरसिंगार और मदार का फूल आदि चढ़ाना शुभ माना जाता है। मां दुर्गा की पूजा में लाल फूल जैसे- गुड़हल, पलाश के फूल और लाल कनेर चढ़ाना चाहिए। आप चाहें तो मां दुर्गा को चंपा या सफेद कमल भी अर्पित कर सकते हैं।
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