दिवाली महापर्व की शुरुआत धनतेरस से होती है। हिंदू पंचांग के अनुसार कार्तिक कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को धनतेरस पर्व मनाया जाता है। इस दिन माता लक्ष्मी, भगवान कुबेर और भगवान धन्वंतरि की पूजा का विधान है। शास्त्रों के अनुसार इस दिन भगवान धनवंतरी का जन्म हुआ था इसलिए इसे धनतेरस के त्योहार के रुप में मनाया जाता है। इस दिन सोने-चांदी के आभूषण और बर्तन खरीदना शुभ माना जाता है। हालाँकि, धार्मिक मान्यताओं के अनुसार धनतेरस के दिन कुछ कामों को नहीं करना चाहिए। माना जाता है कि इससे देवी लक्ष्मी रुष्ट हो जाती हैं। आइए जानते हैं कि धनतेरस के दिन कौन से काम नहीं करने चाहिए -
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार धनतेरस और दिवाली के दिन सोना नहीं चाहिए। माना जाता है कि इन शुभ दिनों पर सोने से माता लक्ष्मी रुष्ट होकर घर से बाहर चली जाती हैं। इससे घर में नकारात्मकता और दरिद्रता आती है। मान्यताओं के अनुसार इस दिन घर के सभी सदस्यों को आपस में प्रेम से रहना चाहिए।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार माता लक्ष्मी मुख्य द्वार से ही घर के अंदर प्रवेश करती हैं इसलिए घर का मुख्य द्वार हमेशा साफ-सुथरा होना चाहिए। धनतेरस और दिवाली पर घर के मुख्य द्वार को गन्दा नहीं रखना चाहिए और वहाँ जूते-चप्पल भी नहीं रखने चाहिए। दिवाली के मौके पर घर के मुख्य द्वार को साफ-सुथरा और सजाकर रखना चाहिए।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार धनतेरस के लिए माता लक्ष्मी और धन के देवता कुबेर की पूजा करना शुभ माना जाता है। लेकिन ज्योतिषशास्त्र के अनुसार कभी भी धनतेरस पर कांच या प्लास्टर ऑफ पेरिस से बनी मूर्ति की पूजा नहीं करनी चाहिए।
मान्यताओं के अनुसार धनतेरस और दिवाली जैसे शुभ पर्वों पर किसी से कर्ज नहीं लेना चाहिए और ना ही किसी को उधार देना चाहिए। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन पैसों का लेन-देन करने से माता लक्ष्मी घर से बाहर चली जाती हैं।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार देवी लक्ष्मी का वास उसी जगह पर होता है जहाँ स्वच्छता होती है। माना जाता है कि धनतेरस और दिवाली पर घर में गंदगी नहीं फैलानी चाहिए। धनतेरस और दिवाली के दिन घर की साफ-सफाई करनी चाहिए, इससे घर में लक्ष्मी का वास होता है।