होम
कुंडली
टैरो
अंक ज्योतिष
पंचांग
धर्म
वास्तु
हस्तरेखा
राशिफल
वीडियो
हिन्दी न्यूज़
CLOSE

Tulsi Vivah 2024: 13 नवंबर को किया जा रहा है तुलसी विवाह, जानिए मुहूर्त और पूजन विधि

By Astro panchang | Nov 13, 2024

हर साल कार्तिक माह में तुलसी विवाह की पूजा का आयोजन किया जाता है। धार्मिक परंपराओं के मुताबिक तुलसी विवाह की पूजा करने से परिवार में सुख-शांति, समृद्धि और धन-धान्य आता है। इस दिन तुलसी के पौधे का विवाह जगत के पालनहार भगवान श्रीहरि विष्णु के शालिग्राम स्वरूप के साथ किया जाता है। तुलसी विवाह के दिन तुलसी के पौधे की पूजा और उपासना करने से घर में दरिद्रता का वास नहीं होता है और जातक को जीवन में आर्थिक तंगी से छुटकारा मिलता है। तो आइए जानते हैं तुलसी विवाह का शुभ मुहू्र्त और पूजन विधि के बारे में...

तुलसी विवाह 2024
एकादशी तिथि की शुरूआत 12 नवंबर 2024 की शाम 04:04 मिनट पर हुई। वहीं आज यानी की 13 नवंबर की दोपहर 01:01 मिनट पर समाप्त होगी। हिंदू धर्म में उदयातिथि के हिसाब से पर्व मनाए जाते हैं। इस तरह से उदयातिथि के मुताबिक 13 नवंबर 2024 को तुलसी पूजन किया जा रहा है।

ऐसे करें तुलसी पूजन
सुबह जल्दी स्नान आदि करने के बाद सूर्यदेव को अर्घ्य दें और फिर पूजा के स्थान को गंगाजल छिड़ककर शुद्ध करें। इसके बाद एक लकड़ी की चौकी पर साफ कपड़ा बिछाएं और एक कलश में गंगाजल भरकर रखें। फिर कलश में आम के 5 पत्ते डालें और इसको पूजा स्थान पर रख दें। फिर तुलसी का पौधा और शालिग्राम जी को चौकी पर विराजमान करें और देसी घी का दीपक जलाएं। अब मां तुलसी को सोलह श्रृंगार की चीजें अर्पित करें।

मां तुलसी को लाल चुनरी पहनाएं और फिर शालिग्राम और मां तुलसी की विधि-विधान से पूजा-अर्चना करें। इसके बाद प्रिय फल और मिठाई का भोग लगाएं और लोगों में प्रसाद का वितरण करें। तुलसी विवाह के दिन पूजा की थाली में पंचामृत, आटे का हलवा, कच्चा दूध और फल आदि शामिल करें। साथ ही इसमें तुलसी दल भी शामिल करें।

तुलसी जी के मंत्र
महाप्रसाद जननी सर्व सौभाग्यवर्धिनी, आधि व्याधि हरा नित्यं तुलसी त्वं नमोस्तुते।।

तुलसी गायत्री 
ॐ तुलसीदेव्यै च विद्महे, विष्णुप्रियायै च धीमहि, तन्नो वृन्दा प्रचोदयात् ।।

तुलसी स्तुति मंत्र 
देवी त्वं निर्मिता पूर्वमर्चितासि मुनीश्वरैः
नमो नमस्ते तुलसी पापं हर हरिप्रिये।।
तुलसी श्रीर्महालक्ष्मीर्विद्याविद्या यशस्विनी।
धर्म्या धर्मानना देवी देवीदेवमन: प्रिया।।
लभते सुतरां भक्तिमन्ते विष्णुपदं लभेत्।
तुलसी भूर्महालक्ष्मी: पद्मिनी श्रीर्हरप्रिया।।
Copyright ©
Dwarikesh Informatics Limited. All Rights Reserved.