जब सूर्य एक राशि से दूसरी राशि में गोचर करते हैं, तो उसे संक्रांति कहा जाता है। सूर्य देव हर साल पौष माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी को धनु राशि में प्रवेश करते हैं। सूर्य देव के धनु राशि में इस प्रवेश को धनु संक्रांति कहा जाता है। सभी संक्रांतियों में धनु संक्रांति सबसे ज्यादा खास मानी जाती है। साथ ही इसका विशेष महत्व होता है। आज के दिन यानी की 16 दिसंबर को सूर्य देव धनु राशि में प्रवेश करने जा रहे हैं।
धनु संक्रांति 2023 मुहूर्त
धनु संक्रान्ति पुण्य काल - शाम 04:09-शाम 05:26
अवधि - 01:17 मिनट पर
धनु संक्रान्ति महा पुण्य काल- शाम 04:09-शाम 05:26
धनु संक्रांति का महत्व
संक्रांति के दिन दान-पुण्य का विशेष महत्व माना जाता है। जब सूर्य देव एक राशि से दूसरी राशि में गोचर करते हैं, तो इसे संक्रांति कहा जाता है। वहीं सूर्यदेव धनु राशि में गोचर करते हैं, तो इसी दिन से खरमास यानी की मलमास की शुरूआत होती है। हर तरह के शुभ और मांगलिक कार्य पर इस दौरान हर तरह से विराम लगा दिया जाता है। यह खरमास एक माह तक रहता है। धनु संक्रांति के दिन विधि-विधान से पूजा-अर्चना करनी चाहिए। मान्यता के मुताबिक जो भी व्यक्ति इस दिन पूजा करता है, उसकी आयु लंबी होती है, वह सेहतमंद बना रहता है। साथ ही घर में सुख-समृद्धि का वास होता है।
सूर्यदेव की करें पूजा
धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक धनु संक्रांति के मौके पर स्नानदान और सूर्य देव की पूजा करना बेहद शुभ माना जाता है। इस दिन जो भी जातक श्रद्धा और भक्तिपूर्वक सूर्य देव की पूजा करता है, उसे पापों से मुक्ति मिलती है। सूर्यदेव के प्रभाव से बीमारियां दूर होती हैं। धनु संक्रांति पर सूर्य देव के साथ भगवान श्रीकृष्ण, श्रीहरि विष्णु और भगवान जगन्नाथ की भी आऱाधना विशेष फलदायी होती है। इस दिन सूर्यदेव के बीज मंत्र व गायत्री मंत्र का जाप करना चाहिए।