हिंदू धर्म में स्वामीनारायण एक प्रमुख संत और भगवान माने जाते हैं। आज यानी की 06 अप्रैल को भगवान श्रीस्वामीनारायण की जयंती मनाई जा रही है। यह पर्व हर साल चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को आता है। उत्तर प्रदेश के छपैया गांव में स्वामीनारायण का जन्म हुआ था। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान स्वामीनारायण को श्रीहरि विष्णु को अवतार माना जाता है। इन्होंने अपनी बाल्यावस्था से ही अद्भुत और अलौकिक चमत्कारों का प्रदर्शन किया था।
कम उम्र में ही स्वामीनारायण ने अपना घर छोड़ दिया था और कठोर तप और साधना करने के बाद पूरे भारतवर्ष में यात्राएं की। फिर उन्होंने स्थायी रूप से गुजरात में धर्म प्रचार करना शुरू किया। उन्होंने समाज में व्याप्त अंधविश्वास, बुराइयों, जातपात और असमानता के खिलाफ आवाज उठाई। स्वामीनारायण जयंती पर लोग व्रत करते हैं और विशेष पूजा अर्चना करते हैं। तो आइए जानते हैं स्वामीनारायण जयंती की तिथि, पूजन विधि और महत्व के बारे में...
स्वामीनारायण जयंती 2025 डेट
हर साल चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को स्वामीनारायण जयंती मनाई जाती है। हिंदू पंचांग के मुताबिक इस बार यह पर्व 06 अप्रैल 2025 को रविवार के दिन मनाया जाएगा। वहीं आज ही पूरे देशभर में राम नवमी का उत्सव भी मनाया जा रहा है।
पूजन विधि
इस दिन सुबह जल्दी स्नान आदि कर साफ कपड़े पहनें।
फिर भगवान स्वामीनारायण की मूर्ति को सजाएं और उनको मंदिर में विराजमान करें।
अब स्वामीनारायण की विधि-विधान से पूजा-अर्चना करें।
देशी घी का दीपक जलाकर पूजा-उपासना करें और घर-परिवार की सुख-शांति के लिए प्रार्थना करें।
आखिरी में भोग लगाकर लोगों में प्रसाद वितरित करें और खुद भी प्रसाद ग्रहण करें।
महत्व
धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक भगवान स्वामीनारायण के जन्म के समय कई भविष्यवाणी हुई थीं, जिसके अनुसार उन्होंने समाज सुधार से जुड़े कई पहलुओं पर काम किया। उन्होंने हमेशा जीवन में सत्य और अहिंसा का पालन किया। स्वामीनारायण जयंती का दिन उनके अनुयायियों के लिए बेहद महत्वपूर्ण होता है। इस दिन स्वामीनारायण द्वारा बताए गए नियमों के पालन किए जाने का संकल्प किया जाता है। वहीं दुनियाभर में मौजूद स्वामीनारायण मंदिरों में भगवान स्वामीनारायण की पूजा-अर्चना की जाती है।