सनातन धर्म में कर्क संक्रांति का विशेष महत्व माना जाता है। जब सूर्य देव एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करते हैं, तो इस तिथि को संक्रांति कहा जाता है। सूर्य के कर्क राशि में प्रवेश करते हैं, तो इसको कर्क संक्रांति कहा जाता है। इस साल आज यानी की 16 जुलाई 2024 को कर्क संक्रांति मनाई जा रही है।
इस दिन सूर्य देव मिथुन राशि से निकलकर कर्क राशि में गोचर करेंगे। बता दें कि कर्क संक्रांति के मौके पर सूर्य देव उत्तरायण से दक्षिणायण हो जाते हैं। फिर मकर संक्रांति के पर्व तक दक्षिणायण ही रहते हैं। इस दिन सूर्य देव की पूजा-अर्चना का विशेष महत्व होता है। तो आइए जानते हैं कर्क संक्रांति का शुभ मुहूर्त और महत्व...
शुभ मुहूर्त
हिंदू पंचांग के मुताबिक 16 जुलाई 2024 को सुबह 11:29 मिनट पर सूर्य देव मिथुन राशि से निकलकर कर्क राशि में गोचर करेंगे। इस शुभ दिन पर साध्य, शुभ और रवि योग का निर्माण हो रहा है। रवि योग में सूर्य देव की पूजा-अर्चना करने से जातक के मान-सम्मान में वृद्धि होगी।
धार्मिक महत्व
संक्रांति का पर्व सूर्य देव को समर्पित होता है। वहीं ज्योतिष में सूर्य की राशि परिवर्तन को बहुत अहम माना जाता है। इस दिन स्नान-दान का विशेष महत्व माना जाता है। कर्क संक्रांति के मौके पर गरीबों व जरूरतमंदों को कपड़े, भोजन और यथासंभव दक्षिणा देना पुण्यकारी माना जाता है। कुछ लोग इस दिन व्रत भी करते हैं। इस दिन सुबह जल्दी स्नान आदि कर सूर्य देव को अर्घ्य दें। फिर विधि-विधान से पूजा-अर्चना करें।
करें ये उपाय
बता दें कि इस दिन तिल के उपाय करने से जातक को पितृ दोष से मुक्ति मिलती है। किसी पवित्र नदी में स्नान कर बहते जल में सफेद या काले तिल को प्रवाहित करना चाहिए। इस दौरान अपने पितरों का स्मरण करें। मान्यता के अनुसार, यह उपाय करने से पितृ दोष दूर होता है और पितरों का आशीर्वाद घर परिवार पर बना रहता है। कर्क संक्रांति के दिन गेंहू, तेल और कपड़े आदि का दान करना शुभ माना जाता है।