होम
कुंडली
टैरो
अंक ज्योतिष
पंचांग
धर्म
वास्तु
हस्तरेखा
राशिफल
वीडियो
हिन्दी न्यूज़
CLOSE

Tula Sankranti 2024: 17 अक्तूबर को तुला राशि में गोचर करेंगे सूर्य देव, जानिए मुहूर्त और पूजन विधि

By Astro panchang | Oct 17, 2024

हिंदू धर्म में तुला संक्रांति का बेहद महत्व होता है। इस दिन सूर्य देव तुला राशि में प्रवेश करते हैं। तुला संक्रांति का पर्व न सिर्फ धार्मिक दृष्टिकोण बल्कि सांस्कृतिक और पर्यावरणीय दृष्टिकोण से भी बेहद अहम माना जाता है। इस दिन सूर्य देव की विधि-विधान से पूजा-अर्चना की जाती है। तुला संक्रांति के मौके पर भगवान सूर्यदेव को जल अर्पित करने और उनकी पूजा करने से जीवन में पॉजिटिविटी और सुख-समृद्धि आती है।
 
कई जगहों पर इस दिन को नए साल की शुरूआत के तौर पर भी मनाया जाता है। बता दें कि तुला संक्रांति के साथ ही ऋतु परिवर्तन होता है और शरद ऋतु की शुरूआत होती है। वहीं किसानों के लिए भी यह महत्वपूर्ण पर्व है, इस दौरान फसलें पककर तैयार होती हैं। तो आइए जानते हैं तुला संक्रांति का शुभ मुहू्र्त, पूजन विधि और महत्व के बारे में...

तुला संक्रांति तिथि और मुहूर्त
हिंदू पंचांग के अनुसार, 17 अक्तूबर 2024 को सुबह 07:42 मिनट पर सूर्य देव तुला राशि में गोचर करेंगे। इस समय सूर्य भगवान कन्या राशि में गोचर कर रहे हैं। उदयातिथि के मुताबिक इस बार 17 अक्तूबर 2024 को तुला संक्रांति पड़ रही है। इस बार तुला संक्रांति तिथि पर पुण्य काल सुबह 06:23 मिनट से लेकर सुबह 11:41 मिनट तक है। मान्यता है कि इस दिन पवित्र नदी में स्नान आदि करने से पुण्य फल की प्राप्ति होती है।

पूजन विधि
इस दिन सुबह जल्दी स्नान आदि कर स्वच्छ कपड़े पहनें। पूजा का शुभ मुहूर्त सूर्योदय का समय माना जाता है। घर के मंदिर की साफ-सफाई कर सूर्य देव की विधि-विधान से पूजा-अर्चना करें। तुला संक्रांति के मौके पर दान-पुण्य करना शुभ माना जाता है। इस दिन गरीबों और जरूरतमंदों को अन्न-वस्त्र का दान करें। बहुत से लोग तुला संक्रांति के मौके पर व्रत रखते हैं। वहीं तुला संक्रांति पर गुड़, तिल के लड्डू और चावल आदि का भोग लगाया जाता है। वहीं शाम को सूर्यास्त के बाद पूजा कर व्रत खोलें।

महत्व
तुला संक्रांति पर गंगा या फिर किसी पवित्र नदी में स्नान करने का विशेष महत्व माना जाता है। अगर नदी में स्नान करना संभव नहीं हो, तो नहाने के पानी में गंगाजल डालकर स्नान करें और फिर सूर्य देव की आराधना करें। इससे विशेष फल की प्राप्ति होती है और जीवन में सकारात्मकता आती है। वहीं जो भी जातक इस दिन दान-पुण्य और पूजा-पाठ करना है, उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
Copyright ©
Dwarikesh Informatics Limited. All Rights Reserved.