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Ganga Saptami 2024: गंगा सप्तमी पर स्नान-दान का है विशेष महत्व, बन रहे कई शुभ योग

By Astro panchang | May 14, 2024

आज यानी कि 14 मई 2024 को गंगा सप्तमी का पर्व मनाया जा रहा है। हिंदू धर्म में गंगा सप्तमी का बहुत महत्व होता है। धार्मिक शास्त्रों के मुताबिक इसदिन मां गंगा का विधि-विधान से पूजन किया जाता है। हर साल वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को गंगा सप्तमी मनाई जाती है। इस बार 13 मई 2024 को शाम 05:20 मिनट से सप्तमी तिथि की शुरूआत हो रही है। जोकि 14 मई 2024 को 06:49 मिनट पर समाप्त होगी। 

शुभ योग
बता दें कि आज के दिन यानी की गंगा सप्तमी के मौके पर सर्वार्थ सिद्धि योग और रवि योग जैसे काफी शुभ योग का भी निर्माण हो रहा है। इन शुभ योगों के निर्माण से आज के दिन का महत्व और भी अधिक बढ़ गया है।

जानिए कौन हैं मां गंगा
पद्मपुराण के मुताबिक आदिकाल में ब्रह्माजी ने सृष्टि की 'मूलप्रकृति' से कहा कि हे देवी तुम समस्त लोकों का आदिकारण बनो और तुमसे की संसार की सृष्टि शुरू करूंगा। ब्रह्मा जी के कहने पर मूल प्रकृति सरस्वती, लक्ष्मी, गायत्री , उमादेवी, शक्ति बीजा, तपस्विनी और धर्मद्रवा इन सात स्वरूपों में प्रकट हुईं। इनमें से सातवीं देवी 'पराप्रकृति धर्मद्रवा' अर्थात देवी गंगा को सभी धर्मों में प्रतिष्ठित माना गया और उनको ब्रह्मा जी ने अपने कमंडल में धारण कर दिया। वहीं अन्य के कथा के अनुसार, मां गंगा पर्वतों के राजा हिमवान और मां मैना की पुत्री हैं। इस तरह से देवी गंगा मां पार्वती की बहन हैं।

शिव की जटाओं में पहुंची गंगा
पौराणिक कथाओं के मुताबिक सतयुग के राजा बलि के यज्ञ के दौरान भगवान श्रीहरि का एक पग आकाश और ब्रह्माण्ड को भेदकर ब्रह्मा जी के सामने स्थित हुआ। तब ब्रह्माजी ने अपने कमंडल के जल से श्रीहरि का चरण पूजन किया। चरण धोने के दौरान भगवान विष्णु का चरणोदल हेमकूट पर्वत पर गिरा। फिर वहां से भगवान शंकर के पास पहुंचकर यह जल गंगा के रूप में शिव की जटाओं में समा गया। जिसके बाद बहुत समय तक गंगा भगवान शिव की जटाओं में भ्रमण करती रहीं।

गंगा पूजन का महत्व
गंगा सप्तमी के दिन मां गंगा का स्मरण, पूजा और स्नान आदि से व्यक्ति को सुख-समृद्धि, यश और धन-धान्य की प्राप्ति होती है और सभी पापों का नाश होता है। ज्योतिष के मुताबिक गंगा सप्तमी के दिन जो व्यक्ति विधि-विधान से गंगा पूजना करता है, तो ग्रहों का अशुभ प्रभाव खत्म होता है। गंगा पूजन को अमोघ फलदायिनी और मोक्ष प्रदायक माना गया है।

ऐसे करें मां गंगा का पूजन
सुबह जल्दी स्नान आदि कर अपने इष्ट देव का पूजन करें। फिर दाहिने हाथ में जल, फूल, फल, गंध व कुश लेकर व्रत का संकल्प लें। इसके बाद मां गंगा को धूप-दीप, पुष्प व नैवेद्य अर्पित करें। श्रीगंगा स्त्रोत और श्री गंगा स्तुति का पाठ करें। बता दें कि इस दिन दान-पुण्य करना शुभ माना जाता है। इसके साथ ही मां गंगा के वैदिक मंत्रों का जाप करें।
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