नवरात्रि के दौरान मां सरस्वती की पूजा के पहले दिन को सरस्वती आह्वान कहा जाता है। जैसे कि नाम से ही पता चलता है कि इस दिन मां सरस्वती का आह्वान किया जाता है। मां सरस्वती की कृपा पाने के लिए यह दिन उत्तम माना जाता है। वहीं मां सरस्वती की विधि-विधान से पूजा-अर्चना करने से जातक को शुभ फल की प्राप्ति होती है। तो आइए जानते हैं कि नवरात्रि के दौरान की जाने वाली सरस्वती पूजा की तिथि, मुहूर्त और महत्व के बारे में...
शुभ मुहूर्त
हिंदू पंचांग के मुताबिक 09 अक्टूबर की सुबह 04:08 मिनट से मूल नक्षत्र की शुरूआत हो रही है। वहीं इसका समापन 10 अक्तूबर की सुबह 05:15 मिनट पर होगा। ऐसे में उदयातिथि के हिसाब से 09 अक्तूबर 2024 को सरस्वती पूजा की जाएगी। मां सरस्वती आवाहन का शुभ मुहूर्त सुबह 10:25 मिनट से शाम 04:42 मिनट तक है।
सरस्वती पूजा का महत्व
हिंदू मान्यता के मुताबिक देवी सरस्वती को विद्या, ज्ञान, वाणी और वेदों की जननी कहा जाता है। इसके साथ ही मां सरस्वती को कला, साहित्य और स्वर की देवी भी माना जाता है। ऐसे में यदि कोई जातक पूरी निष्ठा और भक्तिभाव से मां सरस्वती की पूजा-अर्चना करता है, तो इससे जातक के ज्ञान और बुद्धि के स्तर में वृद्धि हो सकती है।
पूजन विधि
इस दिन सुबह जल्दी स्नान आदि कर पूजा स्थल की सफाई कर गंगाजल का छिड़काव करें। फिर एक लकड़ी की चौकी पर कपड़ा बिछाकर उस पर मां सरस्वती की प्रतिमा या मूर्ति स्थापित करें। अब शुभ मुहूर्त में मां सरस्वती की विधि-विधान से पूजा करें और प्रतिमा के सामने धूप-दीप, अगरबत्ती और गुगुल जलाएं। इसके बाद मां को फल-फूल आदि अर्पित करें। मां सरस्वती को मिठाई का भोग लगाएं और पूजा के दौरान मंत्रों का जाप करें। अंत में आरती करें और पूजा में हुई भूलचूक के लिए क्षमायाचना करें।