हिंदू पंचांग के मुताबिक 01 मई को कालाष्टमी मनाई गई। हर महीने कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को यह मनाया जाता है। इस दिन भगवान शिव-शंकर के रौद्ररूप काल भैरव की पूजा-अर्चना की जाती है। साथ ही विशेष कार्य में सिद्धि पाने के लिए व्रत किया जाता है। इस तिथि पर तांत्रिक निशा काल में कठिन भक्ति कर आराध्य काल भैरव देव को प्रसन्न किया जाता है।
साथ ही उनकी कृपा से जातक को विशेष विद्या में प्रवीणता हासिल होती है। ज्योतिष की मानें तो इस बार वैशाख कालाष्टमी पर मंगलकारी शुभ योग बन रहे हैं। वहीं कई अद्भुत संयोग का निर्माण हो रहा है। इन शुभ योग में पूजा करने से जातक को मनोवांछित फल मिलता है।
शुभ मुहूर्त
ज्योतिषियों की मानें तो 01 मई को 05:45 को सुबह वैशाख महीने के कृष्ण पक्ष की अष्टमी से शुरू होगी। वहीं अगले दिन यानी की 02 मई को सुबह 04:01 मिनट पर यह तिथि समाप्त हो गई। ऐसे में 01 मई को कालाष्टमी का व्रत किया गया।
योग
इस मौके पर कई शुभ व मंगलकारी योगों का निर्माण हो रहा है। इस योग का निर्माण शाम 08:02 मिनट तक है। इसके बाद शुक्ल योग का निर्माण होगा। बता दें कि ज्योतिश में शुभ और शुक्ल योग श्रेष्ठ माना जाता है। इस शुभ योग में भगवान शिव-शंकर की पूजा करने से जातक को कई गुना शुभ फल प्राप्त होते हैं।
शिववास
ज्योतिष गणना के मुताबिक 01 मई को शिववास का योग बन रहा है। मान्यता के मुताबिक इस दिन भगवान शिव जगत जननी मां पार्वती के साथ रहेंगे। इस दौरान शिव-पार्वती की पूजा करने से घर में सुख-समृद्धि और खुशहाली आती है।