हिन्दू धर्म में माघ माह की पूर्णिमा तिथि का विशेष महत्व है। हिन्दू पंचांग के अनुसार हर माह के शुक्ल पक्ष की अंतिम तिथि को पूर्णिमा आती है। इस दिन शाही स्नान किया जाता है। इस साल माघ पूर्णिमा 16 फरवरी (बुधवार) को है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन पवित्र नदी में स्नान करने से और दान-पुण्य करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है। ऐसा माना जाता है कि माघ पूर्णिमा पर स्नान करने से भगवान माधव प्रसन्न होते हैं और सुख-सौभाग्य, धन-संतान और मोक्ष प्रदान करते हैं। माघ पूर्णिमा पर दान, हवन, व्रत और जप करने का विशेष महत्व है। आज के इस लेख में हम आपको माघ पूर्णिमा की तिथि, मुहूर्त, महत्व और पूजन विधि के बारे में बताने जा रहे हैं -
माघ पूर्णिमा 2022 शुभ मुहूर्त
माघ पूर्णिमा आरंभ- 16 फरवरी (बुधवार) सुबह 9 बजकर 42 मिनट से 16 फरवरी पर समाप्त होती है। शाम 03 बजकर 49 मिनट से।
माघ पूर्णिमा समाप्त- 16 फरवरी (बुधवार) रात 10 बजकर 55 मिनट तक।
माघ पूर्णिमा का महत्व
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार माघ माह में देवता पृथ्वी पर आते हैं और मनुष्य रूप धारण करके प्रयाग में स्नान, दान और जप करते हैं। ऐसा माना जाता है कि इस दिन गंगा स्नान करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है और मोक्ष की प्राप्ति होती है। शास्त्रों में लिखे कथनों के अनुसार यदि माघ पूर्णिमा के दिन पुष्य नक्षत्र हो तो इस तिथि का महत्व और बढ़ जाता है।
माघ पूर्णिमा पूजन विधि
माघ पूर्णिमा के दिन प्रातः काल सूर्योदय से पहले किसी पवित्र नदी में स्नान करें।
स्नान के बाद सूर्य मंत्र का उच्चारण करते हुए सूर्य देव को अर्घ्य दें।
स्नान के बाद व्रत का संकल्प लेकर भगवान कृष्ण या विष्णु की पूजा करें।
इस दिन गरीब व्यक्ति और ब्राह्मणों को भोजन करवाना चाहिए और दान-दक्षिणा देना चाहिए।
इस दिन काले तिल का विशेष रूप से दान देना चाहिए।