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New Year 2024: जानिए हर साल 1 जनवरी को न्यू ईयर मनाए जाने की वजह, रोचक है इसका इतिहास

By Astro panchang | Jan 01, 2024

साल 2023 का आखिरी दिन 31 दिसंबर खत्म होते ही रात 12 बजे से दुनिया ने नए साल 2024 का स्वागत किया। पुराने साल को अलविदा कर जश्न के साथ नए साल का पहला दिन सेलिब्रेट किया गया। साल 2023 खत्म होने के बाद पूरी दुनिया ने नए साल यानी की साल 2024 का हर्षोल्लास के साथ स्वागत किया गया। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि 1 जनवरी से ही नए साल का शुरूआत क्यों होती है। ऐसे में आज इस आर्टिकल के जरिए आपको बताने जा रहे हैं कि 1 जनवरी को नया साल मनाए जाने का क्या इतिहास है, इसकी शुरूआत कब और कैसे हुई।

1 जनवरी को न्यू ईयर
आपको बता दें कि 45 ईसा पूर्व रोमन साम्राज्य में कैलेंडर का चलन था। उस दौरान रोम के तत्कालीन राजा नूमा पोंपिलुस के समय रोमन कैलेंडर में सिर्फ 10 महीने होते थे। 10 महीने के हिसाब से साल में 310 दिन और सप्ताह में 8 दिन। जिसके कुछ समय बाद नूमा ने कैलेंडर में बदलाव किया। फिर कैलेंडर का पहला महीना जनवरी को माना गया। इस तरह से 1582 ई. के ग्रेगेरियन कैलेंडर की शुरुआत के बाद से 1 जनवरी को नया साल मनाए जाने का चलन शुरू हुआ।

साल का पहला महीना जनवरी
साल 1582 से पहले मार्च में बसंत ऋतु से नए साल की शुरूआत होती थी। लेकिन नूमा द्वारा कैलेंडर में बदलाव होने के बाद जनवरी से नए साल की शुरूआत होने लगी।रोमन देवता मार्स के नाम पर मार्च महीने का नाम रखा गया था। वहीं रोमन देवता जेनस के नाम से जनवरी महीना बना। रोमन देवता जेनस के दो मुंह थे। जिसमें आगे वाला मुंह शुरूआत और पीछे वाला मुंह अंत माना जाता था। इसलिए नए साल की शुरूआत के लिए नूमा ने देवता जेनस को चुना। इस तरह जनवरी साल का पहला महीना हुआ।

जानिए कैसे बना ग्रेगोरियन कैलेंडर
रोमन के राजा जूलियस सीजर ने जीसस क्राइस्ट के जन्म से 46 साल पहले नई गणनाओं के आधार पर नया कैलेंडर बनाया। राजा सीजर ने नए साल के शुरूआत की घोषणा 1 जनवरी से की। वहीं धरती 365 दिन, 6 घंटे सूर्य की परिक्रमा करती है। ऐसे में जब जनवरी और फरवरी के महीनों को जोड़ा गया तो इसका तालमेल सूर्य की गणना से नहीं बैठा। तब खगोलविदों ने इस पर गहन रिसर्च शुरू किया। 

कैलेंडर को सूर्य चक्र या चंद्र चक्र की गणना के आधार पर बनाया जाता है। जहां चंद्र चक्र पर आधारित कैलेंडर में 354 दिन होते हैं। तो वहीं सूर्य चक्र पर आधारित कैलेंडर में 365 दिन होते हैं। साथ ही ग्रिगोरियन कैलेंडर भी सूर्य चक्र पर आधारित है। वहीं ज्यादातर देशों में भी ग्रेगोरियन कैलेंडर का उपयोग किया जाता है। इस तरह से लगभग पूरी दुनिया 1 जनवरी को नए साल का स्वागत करती है।
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