हर महीने दो एकादशी के व्रत पड़ते हैं। वहीं सावन माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी को कामिका एकादशी कहा जाता है। इस साल कामिका एकादशी आज यानी की 13 जुलाई को है। बता दें कि सावन के महीने में पड़ने वाली एकदाशी की कई विशेषताएं होती हैं।
इस दिन जगत के पालनहार भगवान विष्णु के साथ देवी तुलसी का विवाह विधि-विधान से किया जाता है। मान्यता के इस व्रत को करने से व्यक्ति की हर मनोकामना पूरी होती है। वहीं व्यक्ति द्वारा किए गए पाप कर्मों से भी मुक्ति मिलती है। आइए जानते हैं कामिका एकादशी का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व...
कामिका एकादशी का शुभ मुहूर्त
कामिका एकादशी 2023 तिथि की शुरूआत- 12 जुलाई को शाम 05:59 मिनट पर
कामिका एकादशी 2023 तिथि की समाप्ति- 13 जुलाई को शाम 06:24 मिनट पर
वहीं कामिका एकादशी 2023 का पहला पूजा मुहूर्त 13 जुलाई 2023 को सुबह 05:32 मिनट से सुबह 07:16 मिनट तक है। इसके बाद दूसरा पूजा मुहूर्त सुबह 10:43 मिनट से दोपहर 03:45 मिनट तक है। कामिका एकादशी का व्रत पारण 14 जुलाई को सुबह 05:33 मिनट से 08:18 मिनट तक किया जाएगा।
पूजा विधि
कामिका एकादशी के दिन सुबह सुर्योदय से पहले उठकर स्नान आदि कर स्वच्छ कपड़े पहनें। फिर सूर्यदेव को अर्घ्य देते हुए व्रत का संकल्प करें। इसके बाद मंदिर की साफ सफाई कर एक चौकी पर पीला कपड़ा बिछाएं और उस पर भगवान विष्णु की प्रतिमा या मूर्ति स्थापित करें। अब भगवान की प्रतिमा के सामने दीपक जलाएं।
फिर श्रीहरि विष्णु को फूल-फल, दूध, पंचामृत और तुलसी आदि अर्पित करें। पूजा के दौरान तुलसी चढ़ाना न भूलें। क्योंकि इसके बिना श्रीहरि की पूजा पूरी नहीं होती हैं। इसके बाद कामिका एकादशी व्रत कथा पढ़ आरती करें। आखिरी में भगवान श्रीहरि विष्णु से पूजा में हुई भूलचूक के लिए क्षमा मांग लें।
कामिका एकादशी व्रत का महत्व
मान्यता के अनुसार, कामिका एकादशी का व्रत करने और विधि-विधान से भगवान श्रीहरि विष्णु की पूजा-अर्चना करने से न सिर्फ विष्णु भगवान बल्कि पितरों का भी आशीर्वाद प्राप्त होता है। इससे व्यक्ति के बिगड़े हुए काम बनने लगते हैं। इस व्रत को करने वाले व्यक्ति को किसी चीज का भय नहीं होता है। व्यक्ति को पापों से मुक्ति मिलने के साथ ही मोक्ष की प्राप्ति होती है।