हिंदू धर्म में नवरात्रि सबसे पवित्र पर्व माना जाता है। आपको बता दें कि धार्मिक शास्त्रों के मुताबिक कुल 4 नवरात्रि होती हैं। जिनमें चैत्र नवरात्रि, शारदीय नवरात्रि और दो गुप्त नवरात्रि होती हैं। एक गुप्त नवरात्रि माह महीने में और दूसरी गुप्त नवरात्रि आषाढ़ महीने में पड़ती है। चैत्र और शारदीय नवरात्रि में धूमधाम से मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा की जाती है। वहीं गुप्त नवरात्रि में मां काली और दस महाविद्याओं की गुप्त रूप से पूजा-अर्चना की जाती है।
माघ प्रतिपता से लेकर नवमी तिथि तक मां दुर्गा के नौ अलग-अलग स्वरूपों की पूजा की जाती है। गुप्त नवरात्रि का तंत्र-मंत्र की विद्या और साधना के लिए विशेष महत्व होता है। ऐसे में आज इस अआर्टिकल के जरिए हम आपको माघ गुप्त नवरात्रि के घटस्थापना का शुभ मुहूर्त और महत्व के बारे में बताने जा रहे हैं।
माघ नवरात्रि 2024
माघ मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से लेकर नवमी तक गुप्त नवरात्रि होती है। इस दौरान मां दुर्गा के 10 स्वरूपों की पूजा-अर्चना की जाती है। इस बार माघ गुप्त नवरात्रि की शुरूआत 10 फरवरी 2024 से हो रही है। वहीं इसकी समाप्ति 18 फरवरी 2024 को होगी।
घटस्थापना मुहूर्त
माघ गुप्त नवरात्रि की प्रतिपदा तिथि की शुरूआत- 10 फरवरी 2024 दिन शनिवार सुबह 04:28 मिनट से 11 फरवरी को रात 12:47 मिनट तक
घटस्थापना की शुभ मुहूर्त- 10 फरवरी 2024 दिन शनिवार की सुबह 08:45 मिनट से लेकर 10:10 मिनट तक। इस दौरान घटस्थापना का शुभ मुहूर्त सिर्फ 1 घंटा 25 मिनट है।
10 महाविद्याओं की होती है साधना
मां काली
मां तारा
मां त्रिपुर सुंदरी
मां भुवनेश्वरी
मां छिन्नमस्ता
मां त्रिपुर भैरवी
मां धूमावती
मां बगलामुखी
मां मातंगी
मां कमला
गुप्त नवरात्रि का महत्व
माघ मास की गुप्त नवरात्रि में माता रानी की गुप्त रूप से पूजा की जाती है। बता दें कि सिद्धि पाने के लिए साधक, अघोरी और तांत्रिक आदि तंत्र-मंत्र कर गुप्ता साधना करते हैं। वहीं सामान्य लोग भी मां दुर्गा की गुप्त आराधना कर सारी समस्याओं से मुक्ति पा सकते हैं। बताया जाता है कि गुप्त नवरात्रि में पूजा, अनुष्ठान और व्रत को गुप्त रखना चाहिए। साथ ही जो पूजा-आराधना आप करते हैं, उसको किसी के साथ साझा नहीं करना चाहिए। क्योंकि पूजा जितनी गुप्त होगी, आपकी मनोकामना भी उतनी जल्दी पूरी होगी।