आज यानी की 17 अप्रैल 2024 को रामनवमी का पर्व धूमधाम से मनाया जा रहा है। हर साल चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को रामनवमी मनाई जाती है। वहीं इस बार अयोध्या में राम मंदिर बनने के बाद रामनवमी अधिक खास होगी। लोगों के मन में रामनवमी को लेकर उत्सुकता अधिक बढ़ गई है। वहीं इस साल रामनवमी के अवसर पर अयोध्या के राम मंदिर में भगवान रामलला का सूर्य तिलक होगा।
बता दें कि त्रेतायुग में चैत्र शुक्ल नवमी तिथि को प्रभु श्रीराम का जन्म हुआ था। जिसके बाद से हर बार इसे रामनवमी के तौर पर मनाया जाता है। आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपको रामनवमी के महत्व, इतिहास, शुभ योग और महात्म्य के बारे में बताने जा रहे हैं।
रामनवमी का पर्व
हिंदू पंचांग के मुताबिक इस बार 16 अप्रैल 2024 को दोपहर 01:23 मिनट पर रामनवमी तिथि शुरू हो जाएगी। वहीं 17 अप्रैल 2024 यानी की आज दोपहर 03:14 मिनट पर इस तिथि की समाप्ति होगी। उदयातिथि के हिसाब से 17 अप्रैल को रामनवमी का पर्व मनाया जा रहा है। वहीं इसी दिन चैत्र नवरात्रि की समाप्ति होगी। बता दें कि जो भी लोग 9 दिन का व्रत करते हैं, वह रामनवमी के दिन व्रत का पारण कर व्रत पूरा करेंगे।
शुभ योग
इस मौके पर पूरे दिन रवि योग बन रहा है। वहीं इस दिन भगवान राम का जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया जाएगा। रामनवमी की पूर्ण रात्रि तक अश्लेषा नक्षत्र बन रहा है।
पूजा का शुभ मुहूर्त
रामनवमी की पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 11:50 मिनट से 12:21 मिनट तक है। इसके बाद शुभ चौघड़िया भी रहेगा। हांलाकि 11:50 मिनट से 01:38 मिनट तक का समय पूजन के लिए उपयुक्त है।
राम नवमी का महत्व और महात्म्य
पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक चैत्र शुक्ल नवमी तिथि पर अयोध्या के राजा दशरथ के घर मां कौशल्या ने भगवान विष्णु के अवतार श्रीराम का जन्म हुआ था। तब से इस दिन को रामनवमी के तौर पर मनाया जाता है। रामनवमी के मौके पर मंदिरों व मठों में हवन, यज्ञ और भंडारे आदि किए जाते हैं। वहीं इस दिन घर में हवन-पूजन किया जाता है। रामनवमी के मौके पर प्रभु राम के साथ मां सीता की पूजा करने से मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है।