ईद के चांद का दीदार होने पर रमजान का पवित्र महीना पूरा हो जाता है। मुस्लिम धर्म में रमजान के महीना का विशेष महत्व होता है। रमजान जैसे पाक महीने में लगातार करीब 30 दिनों तक खुदा की इबादत के लिए रोजे रखे जाते हैं। ईद का चांद दिखने के अगले दिन ईद-उल-फितर मनाई जाती है। अरब देशों में ईद का चांद दिखाई देने के अगले दिन भारत में ईद का पर्व मनाया जाता है। इस बार 02 मार्च से रमजान का पाक महीना शुरू हुआ था। ईद-उल-फितर का पर्व न सिर्फ इबादत और शुक्राने का दिन है, बल्कि यह भाईचारे, मोहब्बत और खुशियां बांटने का मौका है। इस बार 31 मार्च को देशभर में ईद-उल-फितर का त्योहार मनाया जा रहा है।
ईद का त्योहार
रमजान पाक महीने में आखिरी दिन पर चांद का दीदार किया जाता है। अगर चांद दिखाई देता है तो फिर अगले दिन ईद-उल-फितर मनाया जाता है। वहीं चांद न दिखने पर अगले दिन फिर चांद का दीदार किया जाता है। चांद दिखने पर रमजान का पाक महीना 30 दिनों का हो जाता है। हालांकि यह चांद दिखने पर निर्भर होता है। सबसे पहले सऊदी अरब में चांद देखा जाता है।
ऐसे मनाया जाता है ईद का त्योहार
बता दें कि ईद का त्योहार धूमधाम से मनाया जाता है। ईद के लिए बच्चों से लेकर बड़ों तक में सभी में उत्साह और उमंग की लहर रहती है। ईद के मौके पर लोग नए कपड़े पहनते हैं और फिर सामूहिक नमाज में शामिल होते हैं। इसके बाद लोग एक-दूसरे को गले लगाते हैं और ईद की बधाइयां देते हैं। इस दिन लोग घरों में पूरी-पकवान, सेवई और विभिन्न प्रकार के लजीज व्यंजन बनाते हैं और एक-दूसरे को गिफ्ट देते हैं। ईद के दिन नमाज अदा कर दान और जकात करने से व्यक्ति पर अल्लाह की रहमत बरसती है।
रमजान के महीने में बंदा खुद को अल्लाह पाक के बेहद करीब रहता है। इस दौरान अल्लाह से बंदे की तकरीब होती है। अल्लाह की रहमत पाने और करीब रहने के लिए रमजान के दौरान पाचों वक्त की नमाज अदा की जाती है। वहीं ईद के मौके पर भी नमाज अदा करके खुदा की इबादत की जाती है। ऐसा करने से बंदे को खुदा का शबाब मिलता है।