कार्तिक पूर्णिमा का दिन कार्तिक महीने का आखिरी दिन होता है। कार्तिक माह की पूर्णिमा के दिन देशभर में देव दीपावली का पर्व मनाया जाता है। लेकिन इस साल पंचांग भेद की वजह से 26 नवंबर 2023 को देव दीपावली का पर्व मनाया जा रहा है।
वहीं 27 नवंबर 2023 को कार्तिक पूर्णिमा का व्रत स्नान किया जाएगा। बता दें कि देव दीपावली पर सुबह गंगा स्नान कर शाम को घाट पर दीपदान किया जाता है। देव दीपावली का भगवान शिव से गहरा संबंध है। आइए जानते हैं देव दीपावली का मुहूर्त पूजन विधि और महत्व...
देव दिवाली 2023 मुहूर्त
कार्तिक पूर्णिमा तिथि की शुरूआत - 26 नवंबर 2023 को दोपहर 03:53 मिनट पर
कार्तिक पूर्णिमा तिथि का समाप्ति - 27 नवंबर 2023 को दोपहर 02:45 मिनट पर
प्रदोषकाल देव दीपावली मुहूर्त - शाम 05:08 से रात 07:47
अवधि - 02:39 मिनट तक
इस बार प्रदोष काल में देव दीपावली का पर्व मनाया जा रहा है। देव दीपावली के दिन वाराणसी का गंगा घाट और मंदिर दीयों से जगमगा उठते हैं। काशी में इस पर्व की खास रौनक देखने को मिलती है।
देव दिवाली पूजा विधि
देव दीपावली के दिन सुबह जल्दी उठकर पवित्र नदी में स्नान करना चाहिए। इस दिन नदी में स्नान करना बेहद शुभ माना जाता है। क्योंकि यह विशेष फलदाई होता है। अगर आप नदी में स्नान नहीं कर सकते तो आप नहाने के पानी में गंगाजल मिलाकर भी स्नान कर सकते हैं।
स्नान आदि कर तांबे के लोटे में कुमकुम मिलाकर सूर्य देव को अर्घ्य दें।
इसके बाद घर के मंदिर की साफ-सफाई करें और मंदिर के आसपास गंगाजल का छिड़काव करें। फिर सभी देवी-देवताओं को स्नान करवाएं और उन्हें नए वस्त्र पहनाएं।
फिर एक चौकी पर पीला वस्त्र बिछाएं और उस पर श्रीहरि विष्णु और मां लक्ष्मी की तस्वीर स्थापित करें।
सभी देवी-देवताओं को नए वस्त्र पहनाएं और श्रीहरि विष्णु को पीले पुष्प अर्पित करें। इस दिन भगवान श्रीहरि विष्णु के साथ मां लक्ष्मी की भी पूजा की जाती है।
इसके बाद मां लक्ष्मी और भगवान विष्णु की विधि-विधान से पूजा करें और फिर आरती करें। अंत में प्रसाद वितरित करें।
वहीं शाम के समय घाट पर दीपदान करें और मंदिर में 7 दीपक जलाकर रखें व देवी-देवताओं का आहृवन करें।
इससे आपके घर में सुख-समृद्धि आएगी और भगवान का आशीर्वाद प्राप्त होगा।