हर महीने की पूर्णिमा तिथि को बेहद खास और पवित्र दिन माना जाता है। हिंदू धर्म में इस दिन का बड़ा धार्मिक महत्व होता है। वहीं कार्तिक माह में पड़ने वाली पूर्णिमा तिथि को सबसे ज्यादा शुभ माना जाता है। यह शुभ दिन जगत के पालनहार भगवान विष्णु को समर्पित होता है। इस दिन गंगा स्नान और दान-पुण्य का भी विशेष महत्व होता है। वहीं कार्तिक माह की पूर्णिमा तिथि को देव दिवाली और गुरुनानक जयंती भी मनाई जाती है। इस बार आज यानी की 15 नवंबर को कार्तिक पूर्णिमा है। तो आइए जानते हैं स्नान-दान का शुभ मुहूर्त और महत्व के बारे में...
स्नान-दान और शुभ मुहूर्त
हिंदू पंचांग के मुताबिक कार्तिक पू्र्णिमा के दिन सुबह 04:58 मिनट से लेकर सुबह 05:51 मिनट तक स्नान-दान का मुहूर्त है। वहीं सुबह 06:44 मिनट से लेकर सुबह 10:45 मिनट तक सत्यनारायण भगवान की पूजा का शुभ मुहूर्त है। वहीं चंद्रोदय का समय शाम 04:51 मिनट तक रहेगा। ऐसे में आप इनमें से किसी भी मुहूर्त में कार्तिक पूर्णिमा के अनुष्ठान का पालन कर सकते हैं।
पूजन विधि
इस दिन सुबह जल्दी स्नान आदिकर स्वच्छ कपड़े पहनें और फिर पूजा घर की साफ-सफाई करें। तो वहीं बहुत सारे लोग इस दिन गंगा घाट पर स्नान-दान और दीपदान करते हैं। वहीं जो लोग गंगाघाट पर जाने में असमर्थ हैं, वह घर पर ही नहाने के पानी में गंगाजल डालकर स्नान कर सकते हैं। फिर भगवान श्रीहरि विष्णु के समक्ष घी का दीपक जलाएं और उनकी विधि-विधान से पूजा-अर्चना करें। इस दिन संभव को सत्यनारायण की कथा जरूर सुनें।
जगत के पालनहार भगवान श्रीहरि विष्णु को पंजीरी और पंचामृत का भोग लगाएं और वैदिक मंत्रों का जाप करें। फिर शाम को चंद्र देव को अर्घ्य देकर उनकी पूजा-अर्चना करें। इसके बाद आरती करें और घर को दीपक से सजाएं। साथ ही मंदिर व गंगाघाट पर दीपदान के लिए जाएं। कार्तिक पूर्णिमा के शुभ दिन पर तामसिक चीजों का सेवन न करें।