ज्योतिष शास्त्र में सूर्य का आध्यात्मिक और धार्मिक महत्व माना गया है। ज्योतिष गणना के मुताबिक एक राशि में सूर्य देव कुल 30 दिनों तक गोचर करते हैं। 30 दिनों बाद वह एक राशि से निकलकर दूसरी राशि में प्रवेश करते हैं। जिस दिन सूर्य देव एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करते हुए उस तिथि को संक्रांति मनाई जाती है। इस समय सूर्य देव मिथुन राशि में हैं। इस राशि में सूर्य के गोचर से कई राशियों को सफलता मिलेगी।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जिस जातक की कुंडली में सूर्य की स्थिति मजबूत होती है, वह अपने जीवन में सभी तरह के सुखों को प्राप्त करता है। ऐसा व्यक्ति समाज में मान-सम्मान पाता है और उच्च पद पर आसीन होता है। ज्योतिष में सूर्य आत्मा , इच्छाशक्ति, अधिकार, नेतृत्व गुण, पिता या पिता के तुल्य का प्रतिनिधित्व करता है। इसलिए सूर्य को मजबूत करने के लिए सूर्य उपासना करने की सलाह दी जाती है।
बता दें कि 16 जुलाई 2024 को सूर्य देव मिथुन राशि से कर्क राशि में प्रवेश करेंगे। इसलिए 16 जुलाई 2024 को कर्क संक्रांति मनाई जाएगी। हिंदू धर्म में कर्क संक्रांति का बहुत महत्व होता है। कर्क संक्रांति के दिन से सूर्य देव उत्तरायण से दक्षिणायण हो जाते हैं और मकर संक्रांति तक दक्षिणायण ही रहते हैं। कर्क संक्रांति के मौके पर सूर्य देव की पूजा-अर्चना और स्नान-दान का विशेष महत्व होता है। तो आइए जानते हैं कर्क संक्रांति पर स्नान-दान का शुभ मुहूर्त और महत्व।
सूर्य राशि परिवर्तन
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, 16 जुलाई 2024 को सुबह 11:29 मिनट पर सूर्यदेव मिथुन राशि से निकलकर कर्क राशि में प्रवेश करेंगे। जिसके बाद कर्क राशि में गोचर के दौरान सूर्य देव 19 जुलाई को पुष्य नक्षत्र, 2 अगस्त को अश्लेषा नक्षत्र और 16 अगस्त को मघा नक्षत्र में गोचर करेंगे। फिर 16 अगस्त को सूर्य देव कर्क राशि से निकलकर सिंह राशि में गोचर करेंगे।
शुभ मुहूर्त
हिंदू पंचांग के मुताबिक 16 जुलाई 2024 यानी की कर्क संक्रांति पर सुबह 05:34 मिनट से लेकर 11:29 मिनट तक पुण्यकाल है। वहीं 09:11 मिनट से सुबह 11:29 मिनट तक महापुण्य काल है। इस शुभ मुहूर्त पर जातक गंगा आदि पवित्र नदियों में स्नान-दान कर पूजा-अर्चना कर सकते हैं। कर्क संक्रांति पर महापुण्य काल की अवधि 02:18 मिनट है।
योग
कर्क संक्रांति के मौके पर शुभ, साध्य और रवि योग का निर्माण हो रहा है। सबसे पहले सुबह 07:19 मिनट तक साध्य योग है। फिर शुभ योग का निर्माण होगा और रवि योग पूरे दिन रहेगा। रवि योग में भगवान सूर्य देव की पूजा-अर्चना करने से व्यक्ति को आरोग्य जीवन का आशीर्वाद प्राप्त होता है।