हिंदू धर्म में बहुत से व्रत और त्यौहार मनाए जाते हैं। हर त्यौहार का अपना महत्व होता है। प्रत्येक व्रत और त्यौहार में भगवान की पूजा की जाती है और घर के सुख शांति और कल्याण के लिए अनुष्ठान किए जाते हैं। उन्हीं में से एक पर्व है बसंत पंचमी। मान्यता है कि इस दिन मां सरस्वती की पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती है और शिक्षा के क्षेत्र से जुड़े लोगों के लिए यह दिन विशेष रूप से महत्वपूर्ण है। पुराणों में देवी सरस्वती को विद्या की देवी माना गया है। इस दिन लोग सुबह उठाकर स्नान करते हैं। इसके बाद शिक्षा से जुड़ी चीजों की पूजा करते हैं। इस दिन जगह-जगह सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन किया जाता है। साथ ही साथ मां सरस्वती की आरती की जाती है।
बसंत पंचमी में मां सरस्वती का पूजन क्यों करते हैं
पौराणिक कथाओं के अनुसार इस दिन मां सरस्वती का जन्म हुआ था और दूसरी एक ब्रह्मवैवर्त पुराण के अनुसार श्री कृष्ण देवी सरस्वती से प्रसन्न होकर वरदान दिया था कि इसी दिन उनकी पूजा होगी। कहा जाता है कि जब प्रजापति ब्रह्मा ने भगवान विष्णु की आज्ञा से सृष्टि की रचना की तो मैं एक बार उसे देखने निकले, देखा तो सर्वत्र उदासी थी। सन्नाटा उदासीभरा वातावरण देख कर उन्हें लगा जैसे किसी के पास वाणी ही ना हो। उस उदासी को दूर करने के लिए उन्होंने कमंडल से चारों ओर जल छिड़का। जलकण वृक्षों पर पड़े और वृक्षों से एक देवी प्रकट हुई जिनके चार हाथ थे। दो हाथों से वीणा साधे हुए थी। शेष दो हाथों में से एक हाथ में पुस्तक और दूसरे में माला थी। संसार की मूकता को दूर करने के लिए ब्रह्मा जी ने देवी से वीणा बजाने को कहा। वीणा के मधुर नाद से सभी जीवो को वाणी (वाक्शक्ति) मिल गई। सप्तविद स्वरो का ज्ञान प्रदान करने के कारण इनका नाम सरस्वती पड़ा।
कब आता है बसंत पंचमी
बसंत पंचमी माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है। वसंत ऋतु को सभी छः ऋतुओ में ऋतुराज के नाम से जाना जाता है। वसंत ऋतु के आगमन पर उत्सव मनाने का दिन बसंत पंचमी का दिन होता है जिस दिन मां सरस्वती की आराधना का विशेष पर्व मनाया जाता है।
बसंत पंचमी का महत्व
ऐसा माना जाता है कि इसी दिन वेदों की देवी प्रकट हुई थी, इसलिए इस दिन को शिक्षा या कोई अन्य कला शुरू करने के लिए शुभ माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन विद्यार्थी अगर मां सरस्वती की पूजा करें तो लाभ होता है।
बसंत पंचमी की तिथि और शुभ मुहूर्त
इस साल बसंत पंचमी का पर्व 05 फरवरी 2022 शनिवार को मनाया जाएगा। हिंदू पंचांग के अनुसार हर साल माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को बसंत पंचमी मनाई जाती है। ऐसे में पंचमी तिथि शुरुआत 05 फरवरी, शनिवार सुबह 03:48 बजे से होगी। पंचमी तिथि 06 फरवरी रविवार को सुबह 03:46 बजे समाप्त होगी। उदय तिथि में पंचमी तिथि 05 फरवरी को पड़ रही है इसलिए इस दिन बसंत पंचमी मनाई जाएगी।
बसंत पंचमी में लगाए जाने वाले भोग
इस दिन के लिए पीले रंग का विशेष महत्व माना गया है। वसंत पंचमी के दिन पीले फूल, पीले मिष्ठान अर्पित करना शुभ माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि देवी सरस्वती को पीला रंग बहुत प्रिय है। इस दिन पीले वस्त्र पहनने और भेंट शुभ होता है।