हाथ की उंगलियों में अंगूठे का महत्व अधिक होता है। अंगूठा उंगलियों का प्रधान होता है। शरीर में जितनी ज्यादा महत्वपूर्ण रीढ़ की हड्डी होती है, उतना ही महत्व हाथ के अंगूठे का होता है। अंगूठे से आप किसी भी व्यक्ति का चरित्र या उसके व्यवहार के बारे में जान सकते हैं। प्याज के छिलके की तरह अंगूठा व्यक्तित्व और भविष्य की सारी परतों को छीलकर सामने रख देता है।
खुली किताब है अंगूठा
कोई भी व्यक्ति जब हाथ की रेखाओं को दिखाता है, तो अंगूठा व्यक्तित्व के बारे में सबसे पहले चुगली करता है। इसीलिए अंगूठे को चुगलीखोर भी कहा जाता है। अंगूठा शक्ति, इच्छा, शत्रु-मित्र, गुप्तरोग, मनोवृत्ति, आयु, आत्मबल, साहस, भावना आदि के बारे में खुली किताब की तरह है। इससे व्यक्ति के गुण और अवगुण के बारे में आसानी से पता किया जा सकता है।
बता दें कि अंगूठे का सीधा संबंध व्यक्ति के मस्तिष्क से हैं। अंगूठे को देखकर व्यक्ति के चरित्र के बारे में पता लगाया जा सकता है। गर्भावस्था के चौथे महीने में अंगूठे की बनावट और उस पर चिन्हों का निर्माण होता है।
भविष्य के बारे में जानकारी
भविष्य का पता लगाने के लिए अंगूठे की मोटाई, लंबाई, अंगूठे के पर्व, आकृति, आकार, अंगूठे का सिरा आदि सभी पर ध्यान देना चाहिए। बता दें कि लंबा अंगूठा बुद्धिमानी का प्रतीक होता है। तो वहीं छोटा अंगूठा जल्दबाजी का प्रतीक होता है। अंगूठे की लंबाई की माप के लिए तर्जनी के पर्वों से उसकी तुलना करनी चाहिए। अगर अंगूठा तर्जनी उंगली के मूल स्थान से नीचा रह जाता है, तो अंगूठे को छोटा समझना चाहिए।
अगर अंगूठा तर्जनी उंगली के मूल स्थान से नीचे रह जाता है, तो अंगूठे को छोटा समझना चाहिए। अंगूठा अगर उंगली के तीसरे पोर को छूता है तो अंगूठे को समान लंबाई का समझना चाहिए। अंगूठा उंगली के दूसरे पर्व को छूता है, तो उसे लंबा समझना चाहिए।
जानिए क्या कहता है आपका अंगूठा
अंगूठे का पहला पर्व इच्छा शक्ति और दूसरा पर्व तर्क शक्ति का केंद्र माना जाता है। अगर किसी व्यक्ति के अंगूठे का पहला पर्व लंबा है, तो उस व्यक्ति की इच्छा शक्ति काफी ज्यादा प्रबल होती है। ऐसा व्यक्ति किसी के अधीन रह कर काम करना नहीं पसंद करता है। वह किसी व्यक्ति के दबाव में नहीं आता है और किसी की बात को जल्दी नहीं मानता है। ऐसा व्यक्ति जिद्दी प्रवृत्ति का होता है।
वहीं अगर अंगूठे का दूसरा पोर बड़ा है तो ऐसा व्यक्ति हर जगह तर्क या बहस ज्यादा करता है। स्वभावनुसार ऐसा व्यक्ति हर जगह बिना बात के टांग अड़ाता है। अपने तर्क से वह सामने वाले व्यक्ति को हराने की पूरी चेष्ठा करता है। ऐसे लोग तर्क ज्यादा और काम कम करता है।
इसके साथ ही अगर किसी व्यक्ति के अंगूठे का पहला पोर और दूसरा पोर बराबर होता है तो वह व्यक्ति सोच-समझकर कोई भी कदम उठाता है। ऐसा व्यक्ति किसी को धोखा नहीं देता है और ना किसी उसे जल्दी धोका मिलता है। इस तरह के व्यक्ति शांत चित्त होते हैं। ऐसे लोग सभ्य, सुसंस्कृत और उच्च पदाधिकारी होते हैं।
बता दें कि जो भी व्यक्ति अंगूठे को उंगलियों में दबाकर बात करता है, तो समझ लेना चाहिए कि ऐसे व्यक्ति में आत्मविश्वास की काफी ज्यादा कमी है। वहीं जिस व्यक्ति का अंगूठा चिकना, सीधा, ऊंचा, गोल और दाहिनी तरफ घूमा होता है और अंगूठा का पोर एक-दूसरे से अच्छी तरह से मिले होते है और बराबर होते हैं। ऐसा व्यक्ति काफी धनवान होता है। वहीं जिन लोगों का अंगूठा पीछे की तरफ ना झुकता हो, सीधा रहता हो। ऐसे लोग आदर्शवादी होते हैं। हालांकि ऐसे लोग किसी को जल्दी अपना दोस्त नहीं बनाते हैं।