वैदिक ज्योतिष शास्त्र के माध्यम से सफेद पुखराज को कई तरह से बताया गया है। इस दुनिया में पाए जाने वाले सभी रत्न भिन्न-भन्न ग्रहों और राशियों का प्रतिनिधित्व करते हैं। सफेद पुखराज मिथुन राशि का बर्थ स्टोन है। वैदिक ज्योतिष में इसे शुक्र ग्रह के रत्न के रूप में देखा जाता है। यह रत्न शुक्र ग्रह से ही संबंध रखता है। सफेद पुखराज व्यक्ति की जन्म कुंडली में शुक्र ग्रह की कमजोर स्थिति को मजबूत बनाता है। सफेद पुखराज शुक्र ग्रह से संबंधित होने के कारण इसे धारण करने से प्यार, कला और लग्जरी जीवन मे शामिल होते हैं। सफेद पुखराज जीवन में लग्जरी भर देता है। ऐशो-आराम के सारे सामान नौकर-चाकर, बड़ी-बड़ी कारें इन्हें मिल जाती हैं। सफेद पुखराज सेहत के लिए भी बहुत अच्छा माना जाता है, यह यूरिनरी सिस्टम रीप्रोडक्टिव हेल्थ लिए लाभदायक होता है।
सफेद पुखराज से धन में वृद्धि होती है
सफेद पुखराज व्यक्तियों को अपने जीवन में पूर्ण संपन्नता का एहसास दिलाते हैं इसके साथ ही कलात्मक क्षेत्र से जुड़े लोग जैसे फिल्म व टेलीविजन कलाकार, गायक, लेखक आदि भी सफेद पुखराज से शुभ फल प्राप्त कर सकते हैं क्योंकि शुक्र ग्रह कला का भी कारक होता है।
सफेद पुखराज से ज्ञान में वृद्धि होती है
जिन लोगों की जन्म कुंडली में शुक्र ग्रह शुभ प्रभाव दे रहा हो उन्हें सफेद पुखराज अवश्य धारण करना चाहिए। क्योंकि हर रत्न के अपने फायदे और नुकसान होते हैं इसलिए सफेद पुखराज धारण करने से पहले किसी अनुभवी ज्योतिषाचार्य की सलाह अवश्य लें। यदि आप बिना सलाह के सफेद पुखराज धारण करते हैं तो आपको इसके बुरे प्रभाव भी सहने पड़ सकते हैं।
पुखराज पहनने के कुछ अतिरिक्त लाभ
1. जिनको संतान एवं पति के सुख अभाव है पुखराज धारण करने से सुख प्राप्त होता है पुखराज रत्न धारण करने से अनेक प्रकार की शारीरिक, मानसिक बौद्धिक शांति मिलती है।
2. जिन कन्याओं का विवाह नहीं हो पा रहा हो तथा विवाह में कई तरीके की बाधा आ रही हो तो ऐसी कन्याएं पुखराज रत्न धारण करें तो उनका विवाह शीघ्र संपन्न हो जाता है।
सफेद पुखराज खरीदते समय ध्यान देने वाली बातें
किसी भी रत्न को खरीदने से पहले उसकी शुद्धता की जांच अवश्य कर लेनी चाहिए। कोई भी रत्न जब भी ले तो अपने जान पहचान के ही दुकान से ले। या फिर पहले उसके काम को अच्छी तरह से जांच लें और फिर रत्नों की खरीदारी करें। रत्नों को अगर किसी ज्योतिष के कहने से पहनना हो तो उसकी शुद्धता के विषय में किसी अच्छी लैब का सर्टिफिकेट अवश्य देखें। आप खुद भी इंटरनेट के माध्यम से विशेषज्ञों से इसके विषय में जानकारी ले सकते हैं।
सफेद पुखराज धारण करने की विधि
अंगूठी प्राप्त होने के पश्चात इसे धारण करने से 24 से 48 घंटे पहले किसी कटोरी में गंगा जल अथवा कच्ची लस्सी में डुबोकर रख दें। रत्न को धारण करने के दिन प्रातः उठ कर स्नान करने के बाद इसे धारण करना चाहिए। रत्न से संबंधित ग्रह के मूल मंत्र, बीज मंत्र अथवा वेद मंत्र का 108 बार जाप करें। इसके बाद अंगूठी को कटोरी में से निकाली तथा इसे अपनी उंगली में धारण कर लें।
सफेद पुखराज किस उंगली में पहने
पुरुष को रत्न दाहिने हाथ में एवं स्त्री को बाएं हाथ में धारण करना चाहिए। छोटी उंगली में हीरा एवं पन्ना, अनामिका में माणिक, मोती, मूंगा तथा लहसुनिया, बीच की उंगली में नीलम तथा गोमेद एवं तर्जनी में पुखराज पहनना उत्तम माना जाता है।
सफेद पुखराज किन लोगों को नहीं धारण करना चाहिए
1. सिंह राशि
इस राशि के लोगों को भूल कर भी सफेद पुखराज धारण नहीं करना चाहिए। इस राशि का स्वामी सिंह है। क्योंकि सिंह के शुक्र के साथ संबंध शत्रुता वाले हैं इसलिए सिंह राशि के जातकों का सफेद पुखराज धारण करना नुकसानदेह हो सकता है।
2. कुंभ राशि
कुंभ राशि का स्वामी शनि होता है। इस राशि के जातकों को सफेद पुखराज धारण करने से पहले किसी ज्योतिषी से सलाह ले लेनी चाहिए नहीं तो यह उनको कुछ उल्टे परिणाम दे सकता है।
3. मकर राशि
मकर राशि का स्वामी शनि है। शनि कुंडली में आपकी भाव में बैठा है। उसके आधार पर ही आप सफेद पुखराज धारण कर सकते हैं।