हस्तरेखा शास्त्र में हस्तरेखा विज्ञान के बारे में उल्लेख किया गया है, उससे जुड़ी संपूर्ण जानकारी दी गई है जिससे हम अपनी हथेली पर बनी रेखाओं से अपने भूत, भविष्य और वर्तमान के बारे में जान सकते हैं। हस्तरेखा विज्ञान से हम भविष्य में आने वाली दिक्कतों और परेशानियों का पता लगा सकते हैं ना कि सिर्फ पता बल्कि उनका निवारण भी खोज सकते है। अगर हमें पहले से ही पता चल जाता है कि हमारे सामने यह मुश्किलें आने वाली हैं तो हम सतर्क हो जाते हैं और उस हिसाब से काम करते हैं जिससे हमें इनका सामना ना करना पड़े। हथेली पर बनी हमारी रेखाएं काफी कुछ बया करती हैं अगर इन्हें ध्यान से देखा जाए।
हमारे हाथ पर बनी विभिन्न रेखाएं जैसे सूर्य रेखा, चंद्र रेखा, जीवन रेखा आदि रेखाओं का अपना-अपना महत्व है, हर एक रेखा आपके जीवन से जुड़े रहस्य और पहलुओं से आपको रूबरू कराती है। कहा जाता है कि हथेली पर बनी इस रेखा से कोई भी राजा या रंक बन सकता है, तो कई रेखाएं ऐसी भी हैं जिन से मनुष्य के अपराधी, अवसाद और आत्महत्या प्रवृत्ति का पता लगाया जा सकता हैं। आज हम आप सभी को अपने इस आर्टिकल में आपकी हथेली पर बनी उन रेखाओं के बारे में बताएंगे जो बताती है कि क्या आप अपराधी हैं और अगर हैं तो उसे कब अंजाम देंगे।
ऐसे लगाएं पता
कोई भी विद्वान या हस्तरेखा ज्ञानी आपकी हथेली देखकर या रेखाओं का परीक्षण कर यह बता सकता है कि आप अपराधी हैं या एक सामान्य व्यक्ति। जब भी हम किसी के हाथ का अध्ययन, विश्लेषण या पढ़ने की कोशिश करते हैं तो सर्वप्रथम हम उसकी उंगलियां व अंग की बनावट पर ध्यान देते हैं।अगर दोनों हथेलियों की त्वचा खुरदरी, अंगुलिया आगे से नुकीली व अंगूठा चपटा हो और मस्तिष्क रेखा हथेली के बीचों बीच नीचे की तरफ झुकती चली जाए या ऊपर की तरफ उठती हुई ह्रदय रेखा से मिलने की कोशिश करे या मिल जाएं तो समझ जाइये, ये हाथ किसी मानसिक रूप से विक्षिप्त अपराधी का है जो समय के साथ उग्र होता चला जाएगा।यदि ऐसा है तो ऐसे व्यक्ति के हाथ में शनि और मंगल पर्वत का सही आकलन करना भी बेहद जरूरी है। साथ ही ऐसे व्यक्ति के हाथ में शनि, मंगल पर्वत की स्थिति का भी सही आकलन जरूरी है।कोई भी हस्तरेखा विशेषज्ञ अगर यह मालूम कर लेता है कि व्यक्ति अपराधी है तो उसके बाद वह यह भी बता सकता है कि वह अमुक व्यक्ति किस समय अपराध करेगा।
किस वर्ष होगा अपराध
जैसे कि मस्तिष्क रेखा या उससे निकल कर कोई शाखा अगर सूर्य पर्वत के नीचे आकर ह्रदय रेखा से मिल जाए, तो ऐसी स्थिति में अपराधी अपने अपराध को अंजाम 25 वर्ष की आयु में देगा और यदि मस्तिष्क रेखा, सूर्य व शनि पर्वत के मध्य आकर ह्रदय रेखा से मिले, तो आप अंदाजा लगा लीजिये कि अपराध 30 वर्ष की आयु तक हो चुका होगा, इसी तरह हम आगे की गणना भी कर सकते हैं।इसके अलावा मंगल, शनि व चन्द्र पर्वत पर स्थित क्रॉस, जाल व काले धब्बे भी व्यक्ति के अपराध प्रवृत्ति की ओर इशारा करते है।
किस प्रकार का होगा अपराध
अपराधी कब अपराध करेगा और किस प्रकार का करेगा यह भी हम पता लगा सकते हैं जैसे कि चोरी, डाका, अपहरण हत्या बलकार आदि।अपराध का सीधा संबंध व्यक्ति कि मनोवृति से जुड़ा होता है और जैसा कि आप जानते हैं कि मन का कारक चंद्रमा होता है अतः जब भी किसी के हाथ का आकलन किया जाए तो चंद्र पर्वत और मस्तिष्क की रेखा का अच्छे से अध्ययन करना जरूरी है।नीचे की ओर अत्यधिक झुकी हुई मस्तिष्क रेखा अवसाद व आत्महत्या की प्रवृति को बढ़ावा देती है। कई बार यह देखने में आया है कि अपराध होने से पूर्व अपराधी के हाथ पर मंगल, शनि व चंद्रमा क्षेत्र में कुछ विशेष काले या भूरे रंग के धब्बे, आकृतियां बनने लगती हैं जिसका का अध्ययन करना बेहद ही आवश्यक है क्योंकि ऐसा मालूम होने पर हम अपराध को होने से रोक सकते है।