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Palmistry Tips: रोजाना सुबह उठते ही करें अपनी हथेली के दर्शन, मिलेगें सकारात्मक रिजल्ट

By Astro panchang | Aug 05, 2023

सुबह का समय शक्तिशाली होने के साथ ही सकारात्मक होता है। इस समय ऐसे काम करने की सलाह दी जाती है। जिनसे आपको सकारात्मक ऊर्जा मिल सके। क्योंकि अगर आपके दिन की शुरूआत अच्छे कामों से होती है, तो आपका पूरा दिन भी अच्छा बीतता है। बता दें कि हमारे शास्त्रों में सकारात्मकता को बनाए रखने और मन में नई आशा और उत्साह जगाने के एक उपाय बताया गया है।
 
कहा जाता है कि सुबह उठते ही अपनी हथेली के दर्शन करने चाहिए। क्योंकि इससे आपका भाग्य जुड़ा होता है। मान्यता के अनुसार, सुबह के समय आंख खुलते ही हथेलियों की रेखाओं के दर्शन करने से आप अपने दुर्भाग्य को सौभाग्य में बदल सकते हैं। आइए जानते हैं इससे जुड़ी मान्यताओं और इसके फायदों के बारे में...

धार्मिक मान्यता
शास्त्रों में बताया गया है कि सुबह के समय हथेली देखने के दौरान एक मंत्र 'कराग्रे वसते लक्ष्मी, करमध्ये सरस्वती, करमूले तु गोविन्दः प्रभाते करदर्शनम' बोलना चाहिए। इस मंत्र का अर्थ है कि 
मेरे हाथों के अग्र यानी की आगे भाग में धन की देवी मां लक्ष्मी का वास है, मध्य में बुद्धि की देवी मां सरस्वती का वास है और मूल भाग में भगवान श्रीहरि विष्णु निवास करते हैं। इसलिए सुबह उठकर हथेली के दर्शन करने की सलाह की जाती है। इस उपाय को करने से सभी देवताओं का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

हथेलियों में भगवान विष्णु का निवास
सुबह के समय हथेलियों के दर्शन करने से आप पर भगवान विष्णु की कृपा दृष्टि बनी रहती है। सुबह के समय हथेली के दर्शन करने पर आप एक तरह से ईश्वर के दर्शन कर लेते हैं। वहीं भगवान श्रीहरि विष्णु जगत के पालनहार है। ऐसे में जो व्यक्ति सुबह हथेली में भगवान विष्णु का ध्यान करते हैं, उन्हें इन तीनों देवी-देवताओं का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

हथेलियों में तीर्थ स्थान
धार्मिक मान्यता के मुताबिक दोनों हथेलियों में तीर्थ स्थान होता है। शास्त्रों में बताया गया है कि हमारे हाथों की चार उंगलियों के अग्रभाग 'देवतीर्थ' होते हैं। वहीं तर्जनी के मूल भाग में 'पितृ अर्थ', कनिष्ठा उंगली के मूल भाग में 'प्रजापति' और अंगूठे के मूल भाग में 'ब्रह्मतीर्थ' का निवास होता है। अगर आप सुबह के समय हथेलियों के दर्शन करते हैं तो आपको सभी तीर्थों के दर्शन होते हैं।

इसके अलावा दाहिने हाथ के मध्य में 'अग्नि तीर्थ' और बाएं हाथ के मध्य में 'सोमतीर्थ' होता है। हाथों की उंगलियों के पोर और जोड़ों में 'ऋषि तीर्थ' का निवास होता है। ऐसे में सुबह उठकर हथेलियां देखने से भगवान के साथ तीर्थ स्थान के बराबर फल मिलता है।

कर्मों पर विश्वास
अगर आप व्यवहारिक दृष्टि से देखें तो हम सभी अपना सभी काम हथेलियों से करते हैं। सुबह हथेली के दर्शन करने का अर्थ होता है कि आपको अपने कर्मों पर विश्वास है।

अपने काम में सुधार लाकर आप उज्जवल भविष्य बना सकते हैं। वहीं हथेली में भगवान और तीर्थ स्थान होने से आप दिन भर में कोई गलत काम नहीं करेंगे।

रोजाना सुबह उठकर हथेली के दर्शन करने से आपको दिन में कोई भी गलत काम नहीं करना चाहिए। भगवान को प्रणाम कर अपने दिन की शुरूआत अच्छे कामों से करनी चाहिए।

सुबह रोजाना अपनी हथेली के दर्शन से दिन की शुरूआत करनी चाहिए। इससे आपको सभी दोषों से भी मुक्ति मिल सकती है।
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