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Palmistry: इस उंगली के नीचे होती है संतान रेखा, जानिए कैसे जानें जीवन में संतान सुख है या नहीं

By Astro panchang | May 29, 2024

ज्योतिष शास्त्र की तरह की हस्तरेखा शास्त्र के जरिए भी व्यक्ति के भविष्य के बारे में जानकारी प्राप्त की जा सकती है। हथेली में मौजूद रेखाओं के आधार पर भविष्य के बारे में बताया जाता है। इन रेखाओं के जरिए व्यक्ति के स्वभाव और भविष्य के बारे में काफी कुछ पता किया जा सकता है। ऐसे में आज इस आर्टिकल के जरिए हम हथेली में मौजूद उन रेखाओं के बारे में बताने जा रहे हैं, जिनसे व्यक्ति की कुल संतानों की संख्या का पता लगाया जा सकता है।

हस्तरेखा शास्त्र के अनुसार, व्यक्ति की हथेली पर कुछ ऐसी रेखाएं होती हैं, जिनसे संतानों के बारे में जाना जा सकता है। बता दें कि कनिष्ठा उंगली यानी की हाथ ही सबसे छोटी उंगली के निचले हिस्से को बुध पर्वत कहा जाता है। बुध पर्वत पर बनने वाली इन रेखाओं के आधार पर संतान सुख के बारे में जाना जा सकता है।

हथेली की रेखाओं से जानें संतान संख्या
आपकी हथेली के बुध पर्वत पर जितनी खड़ी रेखाएं होती हैं, जातक के उतनी ही संतान होगी। अंगूठे के निचले हिस्से को शुक्र पर्वत कहा जाता है। शुक्र पर्वत पर बनने वाली छोटी-छोटी रेखाओं के आधार पर संतान संख्या निर्धारित होती है। बुध और शुक्र पर्वत पर बनी इन छोटी-छोटी रेखाओं को संतान रेखा के नाम से जाना जाता है।

हथेली में संतान रेखा
सामुद्रिक शास्त्र के अनुसार, हथेली में कनिष्ठा उंगली के मूल में बुध पर्वत पर ऊपर की तरफ स्थित रेखा को संतान रेखा कहा जाता है। यह रेखा स्पष्ट और साफ-सुथरी होनी चाहिए। आपके हाथ में जितनी संतान रेखा होंगी, भविष्य में जातक के उतने ही बच्चे होंगे। शुक्र पर्वत पर स्थित रेखाओं से भी संतान का विचार किया जाता है। वहीं हथेली के बाहर की ओर से भीतर आने वाली हॉरिजेंटल लाइन विवाह वाली रेखा होती है।

संतान रेखा के संकेत
ज्योतिष एक्सपर्ट के मुताबिक हथेली में संतान रेखा जितनी ज्यादा सीधी और गहरी होती है, वह पुत्र संतान का प्रतीक होती हैं। वहीं यह रेखाएं जिनती हल्की या बारीक होती हैं, तो वह कन्या संतान की संख्या दिखती है। साफ-स्पष्ट और बिना कटी-फटी रेखाएं उत्तम संतान का प्रतिनिधित्व करती हैं। समुद्रशास्त्र के अनुसार, हथेली में स्थित संतबन रेखा पर द्वीप चिह्न होता है, यह संतान के खराब हेल्थ को दर्शाता है। यदि संतान रेखा पर तिल होता है, तो जातक को संतान प्राप्ति में समस्या होती है। वहीं संतान रेखा के कटे-फटे होने से व्यक्ति को संतान सुख नहीं प्राप्त होता है।

हस्तरेखा एक्सपर्ट के मुताबिक नीचे से ऊपर की ओर संतान रेखाएं होती हैं। लेकिन अगर यह रेखा आखिरी में जाकर 2 भागों में बंट जाती है तो संतान को भारी संकट का सामना करना पड़ सकता है। हस्तरेखा विज्ञान के अनुसार, अगर संतान रेखा के ऊपर लाल तिल है तो संतान अल्पायु हो सकता है। वहीं जिन जातकों का बुध पर्वत उभरा होता है, उनकी चार संतानें होती हैं। इसके अलावा जिन लोगों का शुक्र पर्वत उभरा होता है उनको एक संतान की प्राप्ति होती है।
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