अंकशास्त्र के अनुसार प्रत्येक अंक का अपना अलग गुण होता है। अंकों के इन्हीं गुणों के कारण दो व्यक्तियों के बीच आसानी से दोस्ती हो जाती है और मित्रता सफल होती है। इसके विपरीत कुछ लोगों में बिल्कुल भी नहीं बनती है। अंकशास्त्र के अनुसार दो व्यक्तियों के आपस में कैसा संबंध होगा, इसमें अंकों का प्रभाव होता है। वैवाहिक संबंध के मामले में अंकशास्त्र के इस नियम का लाभ उठाया जाए तो संभव है कि वैवाहिक जीवन में आने वाली परेशानी से बचा जा सकता है।
अंकशास्त्र के नियम के अनुसार व्यक्ति का जो मूलांक होता है उस अंक की चीजें उनके लिए भाग्यशाली होती है। लेकिन विवाह के संदर्भ में यह नियम बिल्कुल अलग है। अंकशास्त्र के अनुसार दो समान मूलांक वालों की रूचि, व्यवहार एवं स्वभाव में समानता होती है। यही कारण है कि वैवाहिक जीवन में समान मूलांक वालों के बीच सामंजस्य की कमी होती है। दोनों के ईगो आपस में टकराते हैं और वैवाहिक जीवन की गाड़ी सही से नहीं चल पाती है। वैवाहिक जीवन की सफलता के लिए आवश्यक है कि यदि एक उग्र स्वभाव का है तो दूसरा शांत होना चाहिए।
9 मूलांक वालों का दाम्पत्य जीवन
अंकशास्त्र के अनुसार मूलांक 9 वाले जातक विपरीत लिंग के प्रति शीघ्र ही आकर्षित हो जाते हैं। 9 मूलांक वालों के प्रेम संबंध स्थाई नहीं होते है। इस मूलांक के लोग हठी स्वभाव के होते है और अहंकार के कारण इनके प्रेम संबंधों में मनमुटाव हो सकता है। गृहस्थ जीवन में अपने जीवनसाथी के साथ प्रेमपूर्ण सम्बन्ध रहता है। अंक ज्योतिष के अनुसार मूलांक 9 वालों को मूलांक 3 वालों से शादी करनी चाहिए क्योंकि मूलांक 3 वाले इनके हठी स्वभाव को काफी अच्छे से संभाल सकते हैं। 9 मूलांक के जातकों की शादी 1, 2 या 3 मूलांक वालों के साथ हो तो इनके वैवाहिक जीवन में अधिक परेशानी नहीं आती है। वहीं, मूलांक 9 वालों का मूलांक 8 वालों से नहीं बनती है। इन दोनों के विचारों में काफी मतभेद होते हैं इसलिए मूलांक 9 वालों को मूलांक 8 वालों से शादी नहीं करनी चाहिए।