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क्या आपको पता है अपने नामांक से जुड़ी रोचक जानकारी के बारे में

By Astro panchang | Feb 20, 2020

भविष्य जानने के लिए जन्म कुंडली, हस्तरेखा और टैरो कार्ड रीडिंग का सहारा लिया जाता है। ज्योतिष की दुनिया में छिपे सवालों का जवाब देने के लिए मौजूद इन सभी विधाओं में एक और विधा भी है जिसे न्यूमरोलॉजी कहा जाता है। न्यूमरोलॉजी में अंको के आधार पर भविष्य का अनुमान लगाया जाता है और जीवन में आने वाली अनेक प्रकार की बाधाओं को हल करने में मदद मिलती है। तो इसी को ध्यान में रखते हुए हम आपको बताएंगे की न्यूमरोलॉजी क्या है और यह काम कैसे करता है।

न्यूमरोलॉजी क्या है

आपको बता दें की न्यूमरोलॉजी को आम भाषा में अंक ज्योतिष भी कहा जाता है। अंक ज्योतिष, ज्योतिष शास्त्र की तरह ही एक ऐसा विज्ञान है जिसमें अंकों की मदद से व्यक्ति के भविष्य के बारे में जानकारी दी जाती है। अंक ज्योतिष में खासतौर से गणित के कुछ नियमों का प्रयोग कर व्यक्ति के जीवन के विभिन्न पहलुओं का आकलन कर उनके आने वाली जिंदगी के बारे में भविष्यवाणी की जाती है। अंक ज्योतिष में लोगो की जन्म तिथि के आधार पर मूलांक निकालकर उसके भविष्य फल की गणना की जाती है।

अंक ज्योतिष वास्तव में अंकों और ज्योतिषीय तथ्यों का मेल है, इसक मतलब यह है की अंकों का ज्योतिषीय तथ्यों के साथ मेल करके व्यक्ति के भविष्य की जानकारी देना। आपको बता दें ज्योतिष शास्त्र मुख्य रूप से तीन तत्वों पर आधारित है: ग्रह, राशि और नक्षत्र। अंक शास्त्र और ज्योतिष शास्त्र का मिलान सभी नौ ग्रहों, बारह राशियों और 27 नक्षत्रों के आधार पर किया जाता है। वैसे देखा जाए तो व्यक्ति के लगभग सभी कार्य अंकों के आधार पर ही किये जाते हैं। इसके साथ अंक शास्त्र की खास बात यह है का इसमें किसी भी अंक को शुभ या अशुभ नहीं माना जाता है।

अंकशास्त्र का महत्व

ज्योतिषशास्त्र की तरह ही अंक शास्त्र का भी बहुत महत्व है। अंक ज्योतिष की मदद से किसी व्यक्ति में मौ़जूद गुण, अवगुण, व्यवहार और विशेषताओं के बारे में जानकारी मिलती है। इस शास्त्र का प्रयोग करके शादी से पहले होने वाले पति-पत्नी का मूलांक निकालकर उनके गुणों को मिलाया जा सकता है। आपको बता दें की अभी के समय में अंकशास्त्र का प्रयोग वास्तुशास्त्र में भी होने लगा है। नए घर बनाते समय सभी अंकों का भी विशेष ध्यान रखा जाता है। जैसे की घर में कितनी सीढ़ियां होनी चाहिए, कितनी खिड़कियाँ और दरवाज़े होनी चाहिए।

न्यूमरोलॉजी काम कैसे करती है

मूलांक : किसी व्यक्ति की जन्म तिथि को एक-एक कर जोड़ने से जो अंक प्राप्त होता है वो उस व्यक्ति का मूलांक कहलाता है। उदाहरण स्वरूप यदि किसी व्यक्ति कि जन्म तिथि 29 है तो 2+9 =11, 1+1 =2, तो व्यक्ति का मूलांक 2 होगा।

भाग्यांक: अगर हम किसी व्यक्ति की जन्म तिथि, माह और वर्ष को जोड़ते है तो उसके बाद हमें जो अंक प्राप्त होता है वो उस व्यक्ति का भाग्यांक कहलाता है। जैसे यदि किसी व्यक्ति की जन्म तिथि 24-03-1998 है तो उस व्यक्ति का भाग्यांक 2+4+0+3+1+9+9+8 = 36, 3+6= 9, इसका मतलब यह है की इस जन्मतिथि वाले लोगो का भाग्यांक 9 होगा।

नामांक: किसी व्यक्ति के नाम से जुड़े अक्षरों को जोड़ने के बाद जो अंक प्राप्त होता है, वो उस व्यक्ति का नामांक कहलाता है। जैसे किसी का नाम “PIHU” है तो इन अक्षरों से जुड़े अंकों को जोड़ने के बाद ही उसका नामांक निकला जा सकता है। P(16, 1+6=7)+I(9)+H(8)+U(21, 2+1=3), 7+9+8+3 =27=2+7=9, इस नाम की लड़की का नामांक 9 होगा।

आप भी अपने नामांक और भाग्यांक से जुड़ी रोचक जानकारी के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें-

https://www.astropanchang.in/hindi-numerology

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