व्यक्ति के जीवन को रंग और तरंग सबसे ज्यादा प्रभावित करते हैं। बताया जाता है कि व्यक्ति के शरीर में सात चक्र पाए जाते हैं। वहीं रत्नों का प्रभाव व्यक्ति के जीवन पर काफी गहरा असर पड़ता है। रत्नों की तरह 9 प्रमुख ग्रहों का भी व्यक्ति के जीवन पर सकारात्मक व नकारात्मक असर पड़ता है। ग्रहों के नकारात्मक प्रभाव को कम किए जाने के लिए ज्योतिष रत्न पहनने की सलाह देते हैं।
ज्योतिष में 9 रत्नों के बारे में बताया गया है। लेकिन ज्योतिष की सलाह के बिना रत्न नहीं धारण करनी चाहिए। क्योंकि गलत रत्न धारण करने से आपके जीवन पर इसका नकारात्मक असर पड़ता है।
माणिक्य
बता दें कि माणिक्य सूर्य ग्रह का रत्न होता है। सूर्य से संबंधित समस्याओं के लिए ज्योतिष इस रत्न को धारण करने की सलाह देते हैं। ज्योतिष के मुताबिक जिनकी राशि या लग्न सिंह, मेष, वृश्चिक, कर्क और धनु है, उन्हें माणिक्य रत्न पहनना चाहिए।
मोती
चंद्रमा ग्रह का रत्न मोती होता है। मोती रत्न मन और शीतजन्य की समस्याओं के लिए त्वरित काम करता है। ज्योतिष की सलाह के बाद इस रत्न को मेष, कर्क, वृश्चिक और मीन लग्न के जातक धारण कर सकते हैं।
मूंगा
मूंगा रत्न लाल या नारंगी रंग का होता है। मूंगा रत्न मंगल ग्रह का रत्न है। वहीं मेष राशि के जातकों का स्वामी मंगल है। ऐसे में मेष राशि के जातकों मूंगा रत्न धारण कर सकते हैं। इसके अलावा श्चिक राशि वाले भी मूंगा रत्न को धारण करना चाहिए।
पन्ना
ज्योतिष में पन्ना रत्न बुध ग्रह से संबंधित होता है। बुध ग्रह मिथुन और कन्या राशि के स्वामी हैं। इसलिए कन्या और मिथुन राशि के जातकों को पन्ना रत्न धारण करना चाहिए। वहीं ज्योतिष के अनुसार, यदि कुंडली में बुध मंगल, शनि, राहु या केतु के साथ स्थित हो, या फिर उस पर शत्रु ग्रह की दृष्टि हो, तो ऐसी स्थिति में भी पन्ना रत्न धारण किया जा सकता है।
पुखराज
गुरु ग्रह का रत्न पुखराज होता है। यह मीन और धनु राशि के स्वामी हैं। जिन लोगों की कुंडली में गुरु ग्रह की स्थिति शुभ होती है। उन्हें पुखराज जरूर धारण करना चाहिए। बता दें कि मेष ,वृश्चिक, कर्क, मिथुन, सिंह, वृश्चिक, धनु और मीन राशि वालों के लिए पुखराज पहनना शुभ होता है।
हीरा
वृष और तुला राशि का रत्न हीरा है। हीरा रत्न शुक्र ग्रह को प्रसन्न करने के लिए पहना जाता है। हांलाकि हीरे की चमक सभी लोगों को आकर्षित करती है। हीरा रत्न वृष, मिथुन, कन्या, तुला, मकर और कुंभ लग्न के लिए यह शुभ होता है।
नीलम
ज्योतिष की सलाह पर और बहुत सोझ-समझ कर नीलम रत्न को धारण करना चाहिए। क्योंकि यदि नीलम रत्न पूरे तरीके से फलित नहीं होता है, तो जातक को राजा से रंक बनने में थोड़ा भी समय नहीं लगता है। ऐसे में जिन लोगों की कुंडली में शनि कमजोर स्थिति में होते हैं, उन्हें नीलम रत्न धारण करना चाहिए। सिंह लग्न वाले जातकों को नीलम रत्न नहीं धारण करना चाहिए।
गोमेद
गोमेद राहु ग्रह का रत्न है। जिनकी राशि या लग्न भाव वृषभ, मिथुन, कन्या, तुला और कुंभ में हो, उन्हें यह रत्न धारण करना चाहिए।
लहसुनिया
लहसुनिया केतु का रत्न होता है। कुंडली में केतु की स्थिति अनुकूल होने पर इस रत्न को धारण करना चाहिए। ज्योतिष के मुताबिक वृषभ, मकर, तुला, कुंभ और मिथुन राशि के जातकों को लहसुनिया रत्न धारण करना चाहिए।