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इस दिन है वरुथिनी एकादशी, जानें शुभ मुहूर्त, व्रत कथा और पूजन विधि

By Astro panchang | May 03, 2021

हिन्दू धर्म के अनुसार एकादशी व्रत को सर्वश्रेठ माना जाता है। हिन्दू पंचांग के अनुसार एक वर्ष में कुल 24 एकादशी होती हैं। एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा-आराधना की जाती है और व्रत किया जाता है। एकादशी का व्रत करने से भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं और व्रत करने वालों पर उनकी विशेष कृपा बनी रहती है। एकादशी के दिन भगवान विष्णु का पूजन और व्रत करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और घर में सुख-समृद्धि आती है। हिन्दू पंचांग के अनुसार वैशाख मास की कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को वरुथिनी एकादशी कहा जाता है। इस बार वरुथिनी एकादशी 7 मई 2021 (शुक्रवार) को है। वैशाख मास में भगवान विष्णु की पूजा के साथ भगवान शिव और ब्रह्माजी की पूजा करने से विशेष पुण्य की प्राप्ति होती है। मान्यताओं के अनुसार वरुथिनी एकादशी के दिन विधिपूर्वक व्रत-पूजन करने से जीवन के सभी कष्ट दूर होते हैं और बैकुंठ की प्राप्ति होती है। आज के इस लेख में हम आपको वरुथिनी एकादशी व्रत मुहूर्त, पूजन विधि और व्रत कथा बताएंगे -

वरुथिनी एकादशी मुहूर्त
वरुथिनी एकादशी पूजा विधि

वरुथिनी एकादशी व्रत कथा
प्राचीन काल में नर्मदा तट पर मांधाता नामक राजा राज्य करता था। वह अत्यन्त ही दानशील और तपस्वी राजा था। एक दिन तपस्या करते समय वह जंगली भालू राजा मांधाता का पैर चबाने लगा। थोड़ी देर बाद भालू राजा को घसीटकर वन में ले गया। राजा घबराकर विष्णु भगवान से प्रार्थना करने लगा। भक्त की पुकार सुनकर विष्णु भगवान ने अपने सुदर्शन चक्र से भालू को मारकर अपने भक्त की रक्षा की। भगवान विष्णु ने राजा मांधाता से कहा− हे वत्स् मथुरा में मेरी वाराह मूर्ति की पूजा वरुथिनी एकादशी का व्रत रखकर करो। उसके प्रभाव से तुम पुनः अपने पैरों को प्राप्त कर सकोगे। यह तुम्हारा पूर्व जन्म का अपराध था।
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