पितृदोष को ज्योतिष शास्त्र में बहुत ही ज्यादा खतरनाक माना जाता है। पितृदोष लगने से जीवन में अशांति छा जाती है और परिवार के लोगों के बीच कलह मच जाती है। इस दोष के कारण से ही परिवार की सुख-शांति भंग हो जाती है। पितृदोष को शांत करने के कुछ जरूरी उपाय बताये गये हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जन्मकुंडली में पितृदोष सूर्य और चंद्रमा की निम्न स्थिति से भी होता है। यह दोष व्यक्ति को काफी ज्यादा कष्ट देने वाला होता है।
मृतक के कपड़े इस्तेमाल करने पर
हांलाकि पितृदोष के कुंडली में पैदा होने के और भी कारण है। यह बहुत ही भयंकर दोष माना जाता है। इन्हीं कारणों में से एक मुख्य कारण मृतक की चीजों का इस्तेमाल करना शामिल है। मरे हुए व्यक्ति की वस्तुओं को इस्तेमाल करने से भी पितृदोष लग जाता है। बताया जाता है कि मृत व्यक्तियों के कपड़ों को इस्तेमाल नहीं करना चाहिये। उनके कपड़ों को किसी मंदिर में दान कर देना चाहिये। ऐसा माना जाता है कि मरे हुए व्यक्ति को अपने कपड़ों से बहुत ज्यादा लगाव होता है क्योंकि उनकी ऊर्जा मरने के बाद भी कपड़ों से जुड़ी रहती है।
मृतक के जेवर इस्तेमाल करने पर
गरुड़ पुराण के अनुसार मरे हुए व्यक्ति के गहने या जेवर का इस्तेमाल करना गलत होता है। ऐसा माना जाता है कि मरने वाले व्यक्ति की नकारात्मक ऊर्जा उन गहनों में होती है। वहीं गहने पहनने वाले व्यक्ति को वह नकारात्मक ऊर्जा आहत करती है। इसी कारण मृतक के आभूषण पहनने से पहले उनकी शुद्धि पूजा जरूर करा लेनी चाहिए।
मृतक की घड़ी इस्तेमाल करने पर
मरे हुए व्यक्ति की घड़ी को कभी भी खुद के लिए इस्तेमाल न करें। ऐसा करने से पितृदोष लगता है और अशुभ घटनायें घट सकतीं हैं। ऐसा माना जाता है कि मृतक व्यक्ति की घड़ी बुरे समय को दर्शाती है। इसीलिये मृतक की घड़ी को दान कर देना चाहिये या फिर मिट्टी में गाढ़ देना चाहिये।