ज्योतिष शास्त्र में शनि का नाम आते ही लोगों के मन में एक डर सा बैठ जाता है। क्योंकि शनिदेव को न्याय का देवता कहा जाता है। ज्योतिष के अनुसार, शनिदेव व्यक्ति को उसके बुरे कर्मों के लिए दंड देते हैं। वहीं अच्छे कर्म करने वाले जातकों पर उनकी शुभ दृष्टि पड़ती है। धार्मिक मान्यता के मुताबिक जिस भी व्यक्ति पर शनिदेव की कृपा दृष्टि पड़ती है। उस व्यक्ति को हर काम में मनचाही सफलता प्राप्त होती है। हालांकि शनि की वक्र दृष्टि से न सिर्फ मनुष्य बल्कि देवता तक भी डरते हैं।
बता दें कि शनि देव की वक्र दृष्टि का प्रकोप भगवान श्रीराम से लेकर लंकापति रावण तक को झेलना पड़ा था। ऐसे में ज्योतिष शास्त्र में शनिदेव की वक्र दृष्टि से बचने के लिए कुछ अचूक उपायों के बारे में बताया गया है। इन उपायों को आजमाकर आपको शनिदेव के कोप का भाजन नहीं बनना पड़ेगा। आइए जानते हैं। इन उपायों के बारे में...
शनि देव की वक्र दृष्टि से बचने के उपाय
अगर आप भी शनिदेव की वकृदृष्टि से बचना चाहते हैं, तो कभी किसी के साथ अन्याय न करें। कमजोर लोगों को परेशान न करें। गरीब और जरूरतमंद लोगों की सेवा करनी चाहिए। इससे शनिदेव खुश होते हैं। साथ ही शनि देव की वकृ दृष्टि से भी मुक्ति मिलती है।
शनिदेव की वक्रदृष्टि पड़ने से व्यक्ति के जीवन में कई तरह की परेशानियां आने लगती हैं। सेहत से लेकर व्यापार तक में परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इससे बचने के लिए हाथ में लोहे का छल्ला पहनना चाहिए।
हिंदू धर्म में कष्टों को दूर करने और देवी-देवताओं की कृपा प्राप्त करने के लिए पूजा-अर्चना की व्यवस्था है। ऐसे में अगर आप भी शनिदेव की वकृ दृष्टि से परेशान हैं तो शनिवार के दिन शनि मंदिर में सरसों का तेल अर्पित करें। साथ ही 108 बार शनि मंत्र का जाप करना चाहिए। इससे फायदा मिलेगा।
शनि संबंधी कष्टों को दूर करने के लिए भगवान शिव शंकर की पूजा करनी चाहिए। यदि आप नियमित तौर पर भगवान शिव की पूजा-अर्चना करते हैं तो शनि देव की वकृ दृष्टि से राहत मिलेगी।
शनि देव की वकृ दृष्टि से मुक्ति पाने के लिए भगवान शिव की पूजा के साथ ही महामृत्युंजय मंत्र का जाप करना चाहिए। इससे सुख-समृद्धि मिलेगी और परेशानियों का अंत होगा।
शनिवार के दिन शनि देव पर छायादान करना बहुत शुभ माना जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, बर्तन में सरसों का तेल लेकर उसमें रुपए का सिक्का डाल दें। अब उस बर्तन में अपने चेहरे की छाया देखें। इसके बाद उस तेल किसी जरूरतमंद या गरीब को दान कर दें।