हिंदू धार्मिक ग्रंथ बृहत् संहिता के अनुसार सूर्य के वृश्चिक राशि में प्रवेश करने से बनने वाली कुंडली का संबंध सर्दी में बोई जाने वाली फसल से बताया गया है। अक्टूबर के मध्य में जब सूर्य वृश्चिक राशि में प्रवेश करते हैं तब रबी की फसल लगाने की तैयारी हो रही होती है। बृहत् संहिता के सस्य जातक अध्याय के अनुसार सूर्य के केंद्र या सूर्य के दोनों ओर यदि शुभ ग्रह आ जाएं तब सर्दी में बोकर गर्मी में काटी जाने वाली फसलें अच्छी पैदावार देती हैं। इसके साथ ही सूर्य के वृश्चिक राशि प्रवेश की कुंडली से आगामी महीनों में सर्दी के मौसम का भी अनुमान लगाया जाता है।
इस साल सर्दी तोड़ेगी सभी रिकॉर्ड
सूर्य का वृश्चिक राशि में प्रवेश 16 नवंबर को सुबह 6 बजकर 54 मिनट पर हुआ है। वृश्चिक लग्न की इस कुंडली में सूर्य के साथ चन्द्रमा और केतु स्थित हैं। सूर्य से सूर्य के साथ अगली राशि में गुरु और पिछली राशि में बुध स्थित हैं जिसके कारण इस साल रबी की फसलों का रकबा बढ़ेगा और पैदावार भी उत्तम होगी। जौ, गेंहू, सरसो और मटर जैसी रबी की पारंपरिक फसलों की पैदावार अच्छी होगी। इस समय शनि गोचर में मकर राशि में चल रहे हैं जहाँ गुरु भी आने वली 20 नवंबर को उनके साथ मिलेंगे जिससे सर्दी जल्दी आएगी और देश के कई हिस्सों में अच्छी बारिश होगी। इस साल सर्दियों में अच्छी बारिश से रबी की फसल उत्तम होगी और प्रदूषण से भी राहत मिलेगी। हालाँकि, सूर्य के वृश्चिक राशि में प्रवेश के समय केतु से युति होने के कारण कोरोना वायरस और साँस संबंधी रोगों में वृद्धि होगी। दिसंबर और जनवरी के महीने में शनि और गुरु की नजदीकी अंशों में युति के कारण सर्दी पिछले कई दशकों के रिकॉर्ड तोड़ देगी।