ज्योतिष के अनुसार हमारे जीवन में घटने वाली घटनाओं का संबंध हमारे ग्रह और कुंडली से होता है। ऐसे में अगर आपकी कुंडली में भी ग्रहों की स्थिति कमजोर है, तो आपको पग-पग पर परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। लेकिन आपको इससे घबराने की जरूरत नहीं होती है। क्योंकि आज इस आर्टिकल में हम आपको ग्रह की स्थिति को मजबूत करने का उपाय बताने जा रहे हैं। अगर आपकी कुंडली में गुरु ग्रह की स्थिति कमजोर है तो इसे कैसे मजबूत किया जा सकता है। इसके लिए कई उपाय भी बताए गए हैं। इस उपायों को करने से आप भी अपनी कुंडली में गुरु ग्रह को मजबूत कर सकते हैं।
गुरुवार को करें व्रत
गुरुवार का दिन देव गुरु बृहस्पति और भगवान श्रीहरि विष्णु को समर्पित होता है। जिस व्यक्ति की कुंडली में गुरु यानी की बृहस्पति कमजोर होता है, उन्हें गुरुवार के दिन व्रत करना चाहिए। इससे कुंडली में गुरु ग्रह मजबूत होता है। मान्यता के अनुसार, इस दिन व्रत रखने वाले व्यक्ति पर भगवान विष्णु की कृपा बरसती है।
इतने गुरुवार करें व्रत
अगर किसी जातक की कुंडली में गुरु ग्रह की स्थिति कमजोर है, तो गुरुवार का व्रत करना चाहिए। इसके लिए जातक को 16 गुरुवार का व्रत करना चाहिए। वहीं अगर आप 16 गुरुवार का व्रत नहीं कर सकते तो 1,3,5,7 और 9 गुरुवार भी व्रत कर सकते हैं।
इस विधि से रखें व्रत
गुरुवार के दिन ब्रह्म मुहूर्त में स्नान आदि कर पीला वस्त्र धारण करें। फिर भगवान विष्णु का ध्यान करते हुए व्रत का संकल्प लें। इसके बाद भगवान विष्णु की विधि-विधान से पूजा करें।
पीला वस्त्र है शुभ
बता दें कि भगवान श्री हरि विष्णु को पीला रंग पसंद होता है। अगर आप पूजा कर रहे हैं तो भगवान विष्णु को पीले पुष्प अर्पित करें और घी का दीपक जलाएं। इस दौरान बृहस्पति भगवान की व्रत कथा करें। फिर विधि-विधान से भगवान श्री हरि विष्णु की आरती करें।
व्रत का सही नियम
गुरुवार का व्रत करने वाले व्यक्ति को भगवान विष्णु की पूजा के साथ केले की जड़ का पूजन करना चाहिए। केले की जड़ में जल चढ़ाएं और भोग लगाएं। गुरुवार के व्रत के दिन फलाहार व्रत करें।