ज्योतिष शास्त्र में शुक्र ग्रह का एक विशेष स्थान है। ज्योतिष दृष्टि से देखें तो शुक्र ग्रह को सभी भौतिक सुखों का कारक माना जाता है। कहा जाता है कि हमें इस जगत में जो भी सुख सुविधा मिलती है वो शुक्र ग्रह के प्रभाव के कारण ही मिलती है। ज्ञान की दृष्टि से देखें तो ज्योतिष शास्त्र में शुक्र ग्रह को गुरु का दर्जा दिया गया है। यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में शुक्र ग्रह मजबूत स्थिति में है, तो उस व्यक्ति को जीवन में सभी प्रकार की सुख सुविधा आसानी से प्राप्त होती है।
शुक्र ग्रह का जीवन में योगदान
- शुक्र ग्रह हमारी सोच पर प्रभाव डालता है और हमारे विचारों को प्रभावित करता है।
- हमारा जीवन सुख में गुजरेगा या दुख में यह बात भी शुक्र ग्रह पर निर्भर करती है।
- वैवाहिक जीवन सुख में बिताना है तो आपकी कुंडली में शुक्र ग्रह का मजबूत होना जरुरी है।
जन्म कुंडली में शुक्र ग्रह के कमजोर होने के लक्षण
- शुक्र के कमजोर होने से आर्थिक परेशानियां और भौतिक चीजों की कमी सताने लगती है।
- वैवाहिक सुख कम हो जाता है।
- रात के समय में व्यक्ति ज्यादा मिठाई का सेवन करता है।
- व्यक्ति में आकर्षक खत्म होने लगता है।
- हमारे पुराणों में कहा गया है कि शुक्र ग्रह की एक आंख नहीं है तो इसके कमजोर होने से व्यक्ति को आँखों की समस्या का सामना करना पड़ता है।
जन्म कुंडली में शुक्र ग्रह को ठीक करने के उपाय
- रोज सुबह उठकर शुक्र के मंत्रों का जाप करें।
- घर की दक्षिण पूर्वी दिशा को साफ रखें।
- शुक्रवार के व्रत रखें और माँ लक्ष्मी की उपासना करें।
- अच्छे कपडे़ पहने और अच्छे लोगों के साथ रहें।
- रसोईघर में कार्य शुरू करने से पहले आग्नेय कोण में रोज घी का दीपक जलाएं।
- गहरे काले और नीले रंग के वस्त्रों का प्रयोग ना करें।
- शुक्रवार के दिन जरूरतमंद स्त्रियों को चावल, मिश्री तथा वस्त्रों का शाम के समय दान करें।
- किसी ज्योतिष की सलाह लेकर ओपल धारण करें।