शनि की साढ़े सात वर्ष तक चलने वाली ग्रह दशा को साढ़े साती कहते हैं। साढ़े साती जीवन का वह चरण है जो हर व्यक्ति की पूरी जिंदगी में कम से कम एक या अधिक बार जरुर आती है। शनि ग्रह एक राशि से दूसरी राशि तक जाने में ढाई वर्ष का समय लेता है। एक राशि से दूसरी राशि तक जाते हुए शनि ग्रह किसी व्यक्ति की जन्म राशि या नाम की राशि में स्थित होता है, वह राशि, उससे अगली राशि और बारहवीं स्थान वाली राशि पर साढ़े साती का प्रभाव होता है। तीन राशियों से होकर गुजरने में इसे पूरे सात वर्ष और छः महीने मतलब साढ़े सात वर्ष का समय लगता है इसलिए भारतीय ज्योतिष के अनुसार इसे शनि की साढ़े साती कहते हैं। शनि की साढ़े साती से व्यक्ति को जीवन में तमाम परेशानियों का सामना करना पड़ता है। आज के इस लेख में हम आपको बताएंगे कि शनि की साढ़े साती से व्यक्ति को क्या समस्याएं हो सकती हैं -
ज्योतिषशास्त्र के अनुसार साढ़े साती चार चक्र या चरणों में बांटा गया है, जो इस प्रकार हैं -
- पहला चक्र: 28 साल से पहले पड़ने वाली साढ़े साती
- दूसरा चक्र: 28 से बाद और 46 साल के पहले पड़ने वाली साढ़े साती
- तीसरा चक्र: 46 की उम्र के बाद और 82 की उम्र से पहले पड़ने वाली साढ़े साती
- चौथा चक्र: 82 की उम्र के बाद और 116 की उम्र के पहले
हर व्यक्ति को अपने पूरे जीवनकाल में कम से कम तीन बार शनि की साढ़े साती से गुजरना पड़ता है। साढ़े साती किस उम्र में होगी यह व्यक्ति विशेष की कुंडली पर निर्भर करता है। जब शनि किसी के लग्न से बारहवीं राशि में प्रवेश करता है तो उस विशेष राशि से अगली दो राशि में गुजरते हुए वह अपना समय चक्र पूरा करता है। यह समय चक्र साढ़े सात वर्ष का होता है और ज्योतिषशास्त्र में इसे साढ़े साती कहा जाता है। अलग-अलग उम्र में पड़ने वाली साढ़े साती के अलग-अलग प्रभाव होते हैं। यहां हम आपको बता रहे हैं कि किस उम्र में साढ़े साती पड़ने पर क्या प्रभाव पड़ता है।
पहला चक्र
शनि की साढ़े साती का पहला चक्र 28 की उम्र से पहले पड़ता है। साढ़े साती के पहले चक्र से गुजरने वाले व्यक्ति को भावनात्मक चोट पहुँचने की संभावना रहती है। इस चक्र का व्यक्ति से ज्यादा उसके करीबियों पर प्रभाव पड़ता है। साढ़े साती के पहले चक्र में कई बार किसी करीबी की मौत या किसी अन्य बेहद करीबी से दूरी या विश्वासघात जैसी घटनाएं हो सकती हैं। वहीं, इसके प्रभाव से माता-पिता से मनमुटाव आदि के संयोग भी बनते हैं। कई बार व्यक्ति पर इसका इतना गहरा प्रभाव होता है जिसका असर उस पर उम्र भर रहता है। हालांकि अलग-अलग लोगों पर इसका कम या ज्यादा प्रभाव हो सकता है।
दूसरा चक्र
शनि की साढ़े साती का दूसरा चक्र 28 वर्ष के बाद और 46 वर्ष के पहले पड़ता है। साढ़े साती के दूसरे चक्र का व्यक्ति के सामाजिक सम्मान और प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंच सकता है। इस चक्र का व्यक्ति के पारिवारिक जीवन पर भी असर होता है। हालांकि अलग-अलग व्यक्तियों पर इसका अलग-अलग प्रभाव होता है।
तीसरा चक्र
शनि की साढ़े साती का तीसरा चक्र 46 वर्ष की उम्र के बाद और 82 वर्ष की उम्र से पहले पड़ता है। साढ़े साती के तीसरे चक्र में व्यक्ति मुख्यत: शारीरिक रूप से प्रभावित होता है। इसके प्रभाव से परिवार को नुकसान या स्वास्थ्य संबंधी गंभीर समस्याएं आदि हो सकती हैं। यहां तक कि इसमें व्यक्ति की मौत भी हो सकती है।