शनि ग्रह एक राशि से दूसरी राशि तक जाने में ढाई वर्ष का समय लेता है। एक राशि से दूसरी राशि तक जाते हुए शनि ग्रह किसी व्यक्ति की जन्म राशि या नाम की राशि में स्थित होता है, वह राशि, उससे अगली राशि और बारहवीं स्थान वाली राशि पर साढ़े साती का प्रभाव होता है। तीन राशियों से होकर गुजरने में इसे पूरे सात वर्ष और छः महीने मतलब साढ़े सात वर्ष का समय लगता है इसलिए भारतीय ज्योतिष के अनुसार इसे शनि की साढ़े साती कहते हैं। शनि की साढ़े साती से व्यक्ति को जीवन में तमाम परेशानियों का सामना करना पड़ता है। पिछले साल 24 जनवरी 2020 को शनि का राशि परिवर्तन हुआ था जिसके बाद से शनि मकर राशि में विराजमान हैं। अब 2022 में शनि का राशि परिवर्तन होगा जिसके बाद से कई राशियों को शनि की साढ़े साती से मुक्ति मिलेगी -
धनु राशि
29 अप्रैल 2022 को शनि करीब ढाई साल बाद मकर राशि छोड़कर कुंभ राशि में प्रवेश करेंगे। बता दें कि धनु राशि पर शनि की साढ़े साती 2 नवंबर 2014 को शुरू हुई थी। ज्योतिषाचार्यों के मुताबिक, शनि के कुंभ राशि में प्रवेश करते ही धनु राशि के जातकों को शनि की साढ़े साती से मुक्ति मिल जाएगी। ऐसे में इस राशि वालों की आर्थिक सुधरेगी और रुके हुए कार्य पूरे होंगे।
कुंभ
कुंभ राशि पर शनि की साढ़े साती की शुरुआत 24 जनवरी 2020 को हुई थी। इस समय कुंभ राशि वालों पर शनि की साढ़े साती का पहला चरण चल रहा है। ज्योतिषीय गणना के अनुसार कुंभ राशि वालों को 3 जून 2027 को शनि की साढ़े साती से मुक्ति मिल जाएगी। इस दौरान इस राशि वालों को गलत कार्यों और दूसरों की निंदा करने से बचना चाहिए।
मकर
मकर राशि वालों पर शनि की साढ़े साती 26 जनवरी 2017 को शुरू हुई थी। वर्तमान में मकर राशि पर शनि की साढ़े साती का दूसरा चरण चल रहा है। ज्योतिषीय गणना के अनुसार, मकर राशि वालों को 29 मार्च 2025 में शनि की साढ़े साती से मुक्ति मिलेगी।
ज्योतिषचार्यों के अनुसार, जहाँ धनु वालों को शनि की साढ़े साती से मुक्ति मिलेगी वहीं मीन राशि वालों पर शनि की साढ़े साती का पहला चरण शुरू हो जाएगा। वहीं, कर्क और वृश्चिक राशि वालों पर शनि की ढैय्या शुरू होगी। बता दें कि शनि की इस दशा की अवधि ढाई साल की होती है। शनि साढ़े साती की तरह ही शनि ढैय्या भी व्यक्ति के जीवन को प्रभावित करती है।