ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक शनि देव एक राशि में सबसे ज्यादा दिन रहते हैं। शनि को न्यायाधीश और दंडाधिकारी का दर्जा प्राप्त है। शनिदेव उन लोगों को अच्छा फल देते हैं, जो अच्छे कर्म करते हैं। बुरे कर्म करने वालों को शनिदेव दंडित करते हैं। शनिदेव एक राशि में ढाईं साल तक रहते हैं। इस समय शनिदेव कुंभ राशि में विराजमान हैं और शश राजयोग बन रहा है। अब साल 2024 में कुंभ राशि से निकलकर शनिदेव बृहस्पति की राशि मीन में प्रवेश करेंगे। इस राशि में शनिदेव करीब ढाईं साल कर रहेंगे। बता दें कि 29 मार्च 2025 को शनिदेव मीन राशि में प्रवेश करेंगे।
अगले साल शनि मीन राशि में प्रवेश करेंगे। इस तरह से मकर राशि वालों की साढ़े साती खत्म होगी और मेष राशि पर साढ़ेसाती शुरू होगी। शनि एक राशि में ढाईं साल तक गोचर करते हैं। साल 2025 में शनि के इस गोचर से मेष राशि वालों पर साढ़ेसाती का पहला चरण, मीन राशि वालों पर साढ़ेसाती का दूसरा चरण और कुंभ राशि वालों पर साढ़ेसाती अंतिम चरण रहेगा। वृश्चिक राशि वालों पर शनि की ढैय्या खत्म होगी और धनु पर ढैय्या शुरू हो जाएगी। वहीं कर्क राशि से कंटक शनि की दशा खत्म होकर सिंह राशि पर शुरू हो जाएगी। ऐसे में आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपको बताने जा रहे हैं कि 2025 में मीन राशि में गोचर करने से शनि किन-किन राशियों पर सबसे ज्यादा असरदार होंगे।
मेष राशि
साल 2025 में शनि मेष राशि के 12वें भाव में प्रवेश करेंगे। ऐसे में इस राशि के लोगों पर शनि की साढ़े साती शुरू हो जाएगी। द्वादश भाव में शनि के होने पर कुंडली के दूसरे भाव, छठे भाव और 9वें भाव पर दृष्टि रहेगी। लंबी यात्राओं के योग बनेंगे और विदेश यात्रा भी कर सकते हैं। हालांकि खर्च भाव पर शनि की दृष्टि पड़ने से खर्चों में वृद्धि हो सकती है।
वृषभ राशि
वृषभ राशि में शनि देव नवम और दशम भाव के स्वामी होकर कुंडली के एकादश भाव में प्रवेश करेंगे। यह गोचर इस राशि के लिए लाभदायक रहेगा। शनि एकादश भाव में बैठेंगे और पंचम व अष्टम भाव पर दृष्टि डालेंगे। समस्याएं दूर होंगी और यह गोचर आपके लिए अनुकूल साबित होगा। इच्छाएं पूरी होंगी, नौकरी में प्रमोशन और सफलता के योग बन रहे हैं। धन की कमी दूर होगी और रुके हुए काम भी पूरे होंगे।
मिथुन राशि
शनि मिथुन राशि के अष्टम औऱ नवम भाव के स्वामी होकर दशम भाव में प्रवेश करेंगे। कार्यक्षेत्र में उपलब्धियां प्राप्त होंगी, हालांकि काम का आपके ऊपर दबाव भी रहेगा। आपकी सभी इच्छाएं पूरी होंगी और नौकरी में अच्छे प्रस्ताव मिलेंगे। साथ ही आर्थिक स्थिति में बड़ा बदलाव देखने को मिलेंगे। शनिदेव मिथुन राशि के द्वादश, चतुर्थ और सप्तम भाव पर दृष्टि डालेंगे, जिससे खर्चों में कमी आएगी।
कर्क राशि
कर्क राशि की कुंडली में शनिदेव सातवें और आठवें भाव के स्वामी होकर 9वें भाव में गोचर करेंगे। इस तरह इस राशि पर चल रही कंटक शनि की पनौती खत्म हो जाएगी। कार्य में मिलने वाली असफलताए धीरे-धीरे सफलता में बदलने लगेगा। अचानक से धन प्राप्त या फिर रुके धन की प्राप्ति हो सकती है। आपकी आर्थिक स्थिति में सुधार होगा। आपके विरोधी परास्त होंगे। आमदनी में वृद्धि होगी और इच्छाएं पूरी होंगी। व्यापार के सिलसिले में यात्राएं हो सकती है और यह यात्राएं लाभदायक होंगी।
सिंह राशि
शनि गोचर के लिए शनि सिंह राशि के छठे और 7वें भाव के स्वामी होंगे। शनि इस राशि के अष्टम भाव में प्रवेश करेंगे। सिंह राशि के जातकों के लिए कंटक शनि की ढैय्या शुरू हो जाएगी। यह साल आपके लिए अच्छा नहीं कहा जा सकता है। इस दौरान आपको कई बीमारियां परेशान कर सकती हैं, इन बीमारियों को हल्के में न लें, क्योंकि यह बीमारी गंभीर रूप ले सकती हैं। कोई कर्ज होगा, तो वह भी उतर जाएगा। कोर्ट- कचहरी के विवादों में अधिक धन खर्च हो सकता है। लेकिन इसमें सफलता मिलेगी। शनि आपके अष्टम भाव में बैठकर कुंडली के दशम, द्वितीय और पंचम भाव पर दृष्टि देखेंगे। कार्यक्षेत्र में उतार-चढ़ाव हो सकता है और कुछ मामलों में असफलता हाथ लग सकती है।
कन्या राशि
कन्या राशि के पंचम और छठे भाव के स्वामी होकर शनि कुंडली के सप्तम भाव में बैठेंगे। कुंडली का सप्तम भाव जीवनसाथी और लंबी साझेदारियों का होता है। अगर कोई साझेदारी में काम चल रहा है, तो अधिक ध्यान देना होगा। इस दौरान जिन लोगों का विवाह नहीं हुआ है, उनके प्रेम विवाह का भी योग बन सकता है। आपने किसी काम के लिए कोई बैंक से कर्ज या लोन लिया है, तो उस काम में आपको सफलता मिलेगी। दांपत्य जीवन में कुछ उतार-चढ़ाव हो सकता है। वहीं परिवार के कुछ सदस्यों के मामले में मनमुटाव हो सकता है।
तुला राशि
तुला राशि के जातकों के लिए शनि योगकारक ग्रह होंगे। क्योंकि शनि चौथे और पंचम भाव के स्वामी होकर छठे भाव में गोचर करेंगे। वहीं शनि के छठे भाव का गोचर अच्छा माना जाता है। आप अपने शत्रुओं और विरोधियों को पराजित कर सकेंगे। कार्यक्षेत्र में आपकी स्थिति में सुधार होगा और आपका दबदबा कायम होगा। छठे भाव में विराजमान शनि अष्टम, द्वादश और तीसरे भाव को देखेंगे। जिससे परेशानियां खत्म होंगी और सेहत में सुधार के साथ जीवन में आगे बढ़ने का रास्ता मिलेगा। जुलाई से नवंबर के दौरान कुछ सावधानियां बरतनी पड़ेगी।
वृश्चिक राशि
साल 2025 में शनि का राशि परिवर्तन वृश्चिक राशि के लिए अच्छा है। यह इस राशि की कुंडली में पंचम में विराजमान होकर 7वें, 11वें और दूसरे भाव पर नजर डालेंगे। इस राशि के जातकों के लिए तीसरे और चौथे भाव के स्वामी होकर पंचम भाव में आएंगे। शनि का गोचर प्रेम जीवन में मधुरता और प्रगाढ़ता लाएगा। आपसी संबंध मजबूत होंगे और जिन लोगों का विवाह नहीं हुआ है, उनका मनपसंद साथी से विवाह का योग बन सकता है। नौकरी में बदलाव के संकेत हैं। हालांकि जुलाई से लेकर नवंबर तक का समय अनुकूल नहीं रहेगा। इसलिए इस दौरान सावधानी बरतनी होगी। संतान की शिक्षा और सेहत को लेकर मन में चिंताएं बनी रहेंगी। आमदनी में इजाफा होगा और आमदनी और मुनाफा में बढ़ोतरी के लिए कुछ नई योजनाएं ला सकते हैं।
धनु राशि
साल 2025 में शनि का राशि परिवर्तन धनु राशि के जातकों के लिए चौथे भाव में होगा। इस राशि में शनि दूसरे और तीसरे भाव के स्वामी बनते हैं। शनि कुंडली के चौथे भाव में विराजमान होंगे और छठ, दशम और पहले भाव पर दृष्टि डालेंगे। शनि के इस गोचर से इस राशि के जातरों की ढैय्या शुरू हो जाएगी। यह ढैय्या परिवार के लोगों से मतभेद करा सकती है, तनाव और परिवार के लोगों से दूरियां बढ़ सकती हैं। या फिर आपके निवास स्थान में बदलाव हो सकता है। माता के स्वास्थ्य की चिंता सताएगी और पहले से चल रहे वाद-विवाद से निपटारा होगा। कामकाज में कुछ तनाव रह सकता है, लेकिन अंत में सफलता मिलेगी।
मकर राशि
साल 2025 में शनि का गोचर मकर राशि के तीसरे भाव में होगा। ऐसे में इस राशि के लोगों पर चल रही साढ़ी साती खत्म हो जाएगी। मकर राशि के लोगों के लिए शनि पहले और दूसरे भाव के स्वामी हैं। हालांकि शनि तीसरे भाव में अच्छा फल देते हैं और यहां से वह पंचम, नवम और द्वादश भाव पर दृष्टि डालेंगे। नए साल में छोटी-छोटी यात्राओं के योग बनेंगे और आप विदेश यात्रा भी कर सकते हैं। लोगों संग मेलजोल बढ़ेगा, धर्म-कर्म में रुचि बढ़ेगी और भाग्य का साथ मिलेगा। अचानक धन प्राप्ति के योग भी बनते नजर आ रहे हैं। आर्थिक स्थिति अच्छी रहेगी। वहीं व्यापार में आपको जोखिम उठाना पड़ सकता है।
कुंभ राशि
कुंभ राशि के दूसरे भाव में शनि प्रवेश करेंगे। यह इस राशि के जातकों के लिए साढ़ेसाती का अंतिम चरण होगा। शनि द्वादश भाव के स्वामी हैं और चौथे, अष्टम और एकादश भाव पर दृष्टि डालेंगे। धन संचंय में वृद्धि होगी और मेहनत के बाद मनचाही सफलता मिलेगी। मल्टीनेशनल कंपनी में काम करने वाले लोगों के लिए यह गोचर काफी शुभ है। भाग्य का साथ मिलेगा और इच्छाओं की पूर्ति होने के साथ ही धन प्राप्ति के कई मौके मिलेंगे।
मीन राशि
साल 2025 में शनिदेव पूरे मीन राशि में रहने वाले हैं। इस राशि के जातकों के लिए यह गोचर काफी प्रभावी रहने वाला है। शनिदेव मीन राशि में एकादश और द्वादश भाव के स्वामी होकर आपकी राशि में होंगे। साथ ही इनकी पूरी दृष्टि तीसरे, सातवें और दशम भाव पर रहेगी। इसलिए वैवाहिक जीवन में उतार-चढ़ाव, जीवनसाथी से जुड़े मामलों में परेशानी और संबंधों में कटुता बनी रह सकती है। हालांकि व्यापार के नजरिए से देखें, तो यह गोचर शुभ परिणाम देगा। नए-नए लोगों से संबंध बनेंगे। वहीं नौकरी करने वाले जातकों के लिए भी यह गोचर किसी वरदान से कम नहीं है।