ज्योतिष शास्त्र में कुल 12 राशियों और 9 ग्रहों का अध्ययन किया जाता है। सभी 9 ग्रहों में शनि ग्रह को सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण माना जाता है। क्योंकि शनिदेव मनुष्य को उसके कर्मों के अनुसार फल देते हैं। इन 9 ग्रहों में शनि सबसे धीमी चाल से चलते हैं, जिसके कारण उन्हें एक से दूसरी राशि में प्रवेश करने के लिए करीब ढाई वर्ष का समय लगता है। जब भी शनि राशि परिवर्तन करता हैं तो इसका असर सभी राशियों पर पड़ता है। शनि देव कब किस व्यक्ति पर कैसा प्रभाव डालेंगे यह जन्म कुंडली में शनि के स्थान पर निर्भर करता है। यदि शनि शुभ स्थान पर हैं तो व्यक्ति पर शनि की दशा का शुभ प्रभाव ही पड़ेगा। ऐसे में उस व्यक्ति के जीवन में सबकुछ सही होगा। यदि कुंडली में शनि देव अशुभ स्थान पर हैं तो व्यक्ति को दुख व कष्टों का सामना करना पड़ेगा। अधिकांश लोग शनि को बुरा प्रभाव वाला ही मानते हैं लेकिन ज्योतिषी इस बात को सही नहीं मानते। शनिदेव किसी इंसान पर मेहरबान हो जाएं तो उसका जीवन सुखों से भर सकते हैं, लेकिन शनि की टेढ़ी नजर धनवान के भंडार भी खाली कर सकती है। ज्योतिष शास्त्र में शनि गोचर को महत्वपूर्ण माना गया है। शनि के राशि परिवर्तन का असर मेष से लेकर मीन राशि तक के जातकों पर पड़ता है। शनि वर्तमान में मकर राशि में हैं और यह 2022 में अपनी स्वराशि कुंभ में गोचर करेंगे। शनि राशि परिवर्तन का प्रभाव सबसे ज्यादा तीन राशियों पर पड़ेगा।
कुंभ राशि के स्वामी ग्रह हैं शनि
ज्योतिष के अनुसार कुंभ राशि के स्वामी ग्रह शनि हैं। इधर 30 साल बाद शनि देव कुंभ राशि में प्रवेश करने वाले हैं। 29 अप्रैल 2022 को वे कुंभ राशि में प्रवेश करेंगे। स्वामी ग्रह होने के कारण कुंभ राशि वालों पर इनकी विशेष कृपा रहेगी। इसके अलावा शनि मकर राशि के भी स्वामी हैं। मिथुन राशि इनकी उच्च जबकि मेष निम्र राशि है।
शनि की साढ़े साती
ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, साल 2022 में शनि के कुंभ राशि में गोचर करते ही धनु राशि के जातक शनि की साढ़े साती से मुक्त हो जाएंगे। जबकि कुंभ राशि वालों पर शनि की साढ़े साती का दूसरा चरण और मकर राशि वालों पर आखिरी चरण प्रारंभ होगा।
कुंभ राशि में प्रवेश से इन राशियों के लिए रहेगा शुभ
शनि देव के कुंभ राशि में प्रवेश करने से तुला, मेष, वृ़षभ, धनु राशि वाले लोगों के लिए शुभ होगा। ऐसे में इन राशि वालों की आय में बढ़ोतरी होगी, धन संबंधी परेशानी दूर होगी। जीवन साथी के अलावा माता-पिता का भी भरपूर सहयोग मिलेगा। नौकरी के भी ऑफर मिल सकते हैं तथा नए प्लान से लाभ मिलेगा।
शनि की महादशा का दूसरा चरण शुरू होगा
कुंभ राशि के जातकों पर शनि की महादशा का दूसरा चरण शुरू होगा, क्योंकि ये राशि शनि की स्वग्रही राशि है इसलिए इसे शनि की शांति और शनिदेव को प्रसन्न करने के उपाय करने चाहिए ताकि शनिदेव प्रसन्न होकर इन्हें शुभ फल दें। जिनकी कुंडली में शनि शुभ होते हैं, उन्हें लाइफ में खूब तरक्की मिलती है। वहीं, जिनकी कुंडली में शनि कमजोर होते हैं, उन्हें कई परेशानियों का सामना करना पड़ जाता है।
शनि की साढ़े साती के दूसरे चरण को सबसे ज्यादा कष्टकारी
शनि के कुंभ राशि में गोचर करते ही कुंभ राशि वालों पर शनि की साढ़े साती का दूसरा चरण शुरू हो जाएगा। ज्योतिष शास्त्र में शनि की साढ़े साती के दूसरे चरण को सबसे ज्यादा कष्टकारी माना जाता है। इस दौरान व्यक्ति को आर्थिक, शारीरिक और मानसिक कष्ट का सामना करना पड़ता है। इस दौरान किसी करीबी से धोखा मिलने की संभावना रहती है। दुर्घटना में चोट लगने के आसार रहते हैं। बार-बार धन हानि के योग कुंभ और मीन राशि के जातकों को हर शनिवार को शनि देव को तेल अर्पित करना चाहिए।