ज्योतिष शास्त्र के हिसाब से हर व्यक्ति के जीवन में ग्रह नक्षत्रों का अहम रोल होता है। ज्योतिष में राहु और केतु को छाया ग्रह बताया गया है। दोनों ही ग्रह अक्सर बुरे परिणाम देते हैं। जिससे व्यक्ति के जीवन की समस्याएं बढ़ सकती हैं। वहीं अगर कुंडली में इन दोनों ग्रहों की स्थिति मजबूत होती है, तो जातक को किसी तरह की परेशानी व समस्या का सामना नहीं करना पड़ता है।
ऐसे में अगर आप भी कुंडली में मौजूद दोनों ग्रहों को मजबूत बनाना चाहते हैं। तो यह आर्टिकल आपके लिए है, आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपको कुछ ऐसे उपायों के बारे में बताने जा रहे हैं। जिनको अपनाकर आप इन दोनों ग्रहों को मजबूत कर सकते हैं।
राहु के उपाय
यदि कुंडली में मौजूद राहु नकारात्मक परिणाम दे रहा है, तो माथे पर चन्दन का तिलक लगाना चाहिए। वहीं किसी जानकार ज्योतिष को कुंडली दिखाकर उसके अनुसार रत्न धारण करें। राहु की अशुभ स्थिति को कम करने के लिए गोमेद रत्न धारण किए जाने की सलाह दी जाती है। इसके अलावा शनिवार का व्रत करने से भी राहु के बुरे परिणामों से बचा जा सकता है। वहीं राहु के बीज मंत्र या फिर वैदिक मंत्र का जाप करना चाहिए। शनिवार को पूजा में नीले फूल चढ़ाने चाहिए।
राहु बीज मंत्र
ॐ भ्रां भ्रीं भ्रौं सः राहवे नमः । ॐ रां राहवे नमः ॥
शनिवार के दिन रुद्राक्ष या काले स्फटिक की माला से राहु के इस मंत्र का जाप करना चाहिए। इससे जातक को जल्द ही शुभ परिणाम देखने को मिलेंगे।
केतु के उपाय
वहीं यदि कुंडली में केतु अशुभ फल दे रहा है, तो जातक को इस स्थिति से निपटने के लिए कंबल, छाता, लोहा, उड़द, गर्म कपड़े, कस्तूरी, लहसुनिया आदि का दान करना चाहिए। वहीं केतु के अशुभ प्रभाव से बचने के लिए काले या सफेद कुत्ते को अन्न खिलाना चाहिए। इसके अलावा हर शनिवार को पीपल के पेड़ के नीचे घी का दिया जलाकर सुख-समृद्धि के लिए प्रार्थना करनी चाहिए।
केतु बीज मंत्र
ॐ स्रां स्रीं स्रौं स: केतवे नम:
केतु के अशुभ प्रभाव से बचने के लिए इस मंत्र का जाप करना चाहिए। रोजाना 5,11 या 18 माला का मंत्र जाप करने से जल्द ही इसका फायदा देखने को मिलेगा।