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Moon Effects On Human: ज्योतिष में चंद्रमा को माना जाता है मन का कारक, जानिए मूड को किस तरह करता है प्रभावित

By Astro panchang | Nov 30, 2023

पूर्णिमा की रात चांद अपने पूर्ण आकार में दिखाई देता है। तो वहीं अन्य दिनों पर यह अपने पूर्ण स्वरूप से कम होता है। धार्मिक और वैज्ञानिक दृष्टि से चंद्रमा का विशेष महत्व माना जाता है। आमतौर पर हम सभी को लगता है कि चांद का हमारे जीवन पर कोई खास प्रभाव नहीं पड़ता है। लेकिन आपको बता दें कि पृथ्वी पर बहुत सी महत्वपूर्ण चीजों पर चंद्रमा का अत्यधिक प्रभाव पड़ता है। जैसे चंद्रमा अलग-अलग तरह से मानव जीवन के चक्र और व्यवहार को भी प्रभावित करता है।

आपको बता दें कि ज्योतिष शास्त्र में चंद्रमा का अत्यधिक महत्व माना जाता है। ज्योतिष में चंद्रमा को मन और माता का कारक माना जाता है। यह मनुष्य के जीवन पर भी प्रभाव डालता है। चंद्रमा का गुरुत्वाकर्षण बल, समुद्र और पृथ्वी की सतह को प्रभावित करने के लिए पर्याप्त माना जाता है। तो आइए जानते हैं कि चंद्रमा हमारे मूड को किस तरह से प्रभावित करता है। 

पूर्णिमा का चांद
अगर आपको पूर्णिमा के दिन ज्यादा गुस्सा आता है। तो यह सिर्फ आपकी कल्पना नहीं कही जा सकती है। हांलाकि यह दावा नहीं किया जा सकता है कि फुल मून किसी अपराध या पागलपन का कारण है। लेकिन कई मामलों में हत्या, आत्महत्या, हमले, रोड एक्सिडेंट और मनोरोग आदि इस समय में देखा गया है। इन परिणामों को देखने से पता चलता है कि फुलमून के आसपास इस तरह के अपराध ज्यादा हुए हैं।

आधा और पूरा चंद्रमा
जिस तरह से चंद्रमा अपने बढ़ते क्रम में आता है, उस तरह से हमारी एनर्जी और मोटिवेशन में भी वृद्धि देखने को मिलती है। जैसे-जैसे चंद्रमा का आकार बढ़ता है, वैसे-वैसे आप खुद में नयापन महसूस करते हैं। ऐसा देखने के लिए आप अमावस्या से पूर्णिमा के बीत दो सप्ताह की अवधि के दौरान अपनी ऊर्जा पर ध्यान दें और देखें कि आपको अपने अंदर क्या परिवर्तन महसूस होते हैं।  

पूर्णिमा के दिन नींद की कमी
एक रिपोर्ट के मुताबिक पूर्णिका की रात से पहले लोगों को अच्छी नींद आती हैं। वहीं पूर्णिमा के दौरान अन्य दिनों की अपेक्षा कम नींद का अनुभव किया जा सकता है। चंद्रमा के बढ़ते क्रम के साथ ही आरामदायक नींद में कमी आती है। जो कि हमारी सेहत, मूड और हेल्थ को प्रभावित करने का काम करती हैं।

ज्योतिष में चंद्रमा को एक शीतल और नम ग्रह माना गया है। ज्योतिष गणनाओं में चंद्रमा को स्त्री ग्रह माना जाता है। इस कारण सभी लोगों की कुंडली में चंद्रमा मुख्य रूप से मन और माता का कारक माना गया है। ऐसे में किसी भी व्यक्ति के जीवन में माता और मन एक विशेष महत्व रखते हैं। इस लिहाज से कुंडली में चंद्रमा की स्थिति काफी अहम मानी जाती है।
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