अगर आपकी कुंडली में राहु-केतु का दोष है तो आपके जीवन में परेशानियां और समस्याएं हमेशा बनी रहेंगी। आइए जानते हैं कुंडली में राहु-केतु की दशा, महादशा और दोष से मुक्ति पाने के उपाय के बारे में। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार राहु-केतु ग्रह की छाया जिस पर भी पड़ती है, उसका जीवन कष्टदाय़ी होता है, क्योंकि राहु-केतु को पापी ग्रह माना जाता है। इसलिए व्यक्ति राहु-केतु का नाम लेते ही डर जाता है। ऐसा माना जाता है कि इस ग्रह के दोष से ही कालसर्प दोष की उत्पत्ति होती है।
यदि आपकी कुंडली में भी राहु-केतु की दशा ठीक नहीं है तो आपको भी इनके निवारण के उपायों के बारे में अवश्य जानना चाहिए। आज इस आर्टिकल के जरिए इन ग्रहों के निवारण और चमत्कारी उपायों के बारे में बताएंगे। जिसके करने से कुंडली में राहु-केतु दोष का प्रभाव कम होगा।
क्या होता है राहु-केतु दोष के होने पर
राहु-केतु के दोष होने पर व्यक्ति के घर में कलह-कलेश, आर्थिक नुकसान, मानसिक तनाव, कीमती चीजों का बार-बार खोना, अधिक क्रोध, नाखून का कमजोर होना, मुकदमे आदि जैसी समस्याएं आने लगती हैं। इसके अलावा अगर व्यक्ति बार-बार मरा सांप, छिपकली और पक्षी आदि को देखता है तो उस पर भी राहु-केतु का दोष होता है।
अगर आपकी कुंडली में केतु ग्रह का अशुभ प्रभाव प्रबल है तो आपको शारीरिक समस्याएं होंगी। वहीं अगर कुंडली में राहु दोष है तो जोड़ों में दर्द, चर्म रोग, रीढ़ की हड्डी में दिक्कत, नसों में कमजोरी, बालों का झड़ना आदि जैसी समस्याएं उत्पन्न होंगी।
अगर इस तरह की समस्याएं आपके शरीर में दिखाई दें, तो समझ लेना कि राहु-केतु का दोष लग रहा है। इससे बचने के लिए अपनी कुंडली को किसी अच्छे ज्योतिष को दिखाएं। आज इस आर्टिकल के जरिए आपको राहु-केतु के दोष से बचने के लिए कुछ उपाय बताएंगे, जिनको करने से आपके जीवन से राहु-केतु के दोष का प्रभाव कम होगा।
राहु-केतु दोष से बचने के उपाय
अगर आपकी कुंडली में राहु दोष का प्रभाव प्रबल है, तो उससे बचने के लिए नीले रंग के कपड़े पहनें। वहीं केतु दोष के प्रभाव के प्रबल होने पर गुलाबी रंग के कपड़े पहनें।
राहु-केतु का दुष्प्रभाव कम करने के लिए रुद्राक्ष की माला पहनें और पंचमुखी भगवान शिवजी के सामने बैठकर ‘ऊं नम: शिवाय’ इस मंत्र का जाप करें।
राहु केतु ग्रह के दोष से बचने के लिए अपने घर पर भगवान श्रीकृष्ण की उस तस्वीर को रखें, जिसमें वह शेषनाग के ऊपर नृत्य कर रहे हों। उस तस्वीर की हर दिन पूजा करें और ‘ऊं नमो भगवते वासुदेवाय नम:’इस मंत्र का कम से कम 108 बार जाप करें। ऐसा करने से उग्र राहु-केतु शांत होंगे।
कुंडली में राहु ग्रह के दोष होने पर ज्योतिष की सलाह से शनिवार के दिन गोमेद रत्न को धारण करें। क्योंकि राहु ग्रह का रत्न गोमेद होता है।